मैं मैं ना रही, मैं तुझमें खोई हुई हुं! तु सुन्न तो सही तु समझ तो सही, मैं कह न सकी मैं छुपाती रही, वो वजह ही थी मैं बताती न थी, मैं चाहती हुं तुझे, मैं मानती हुं तुझे, मै जानती हुं तुझे, भले ही मैं झूठी सही पर मैं तुझमें खोई हुई हुं! तु बोल दे जो बोलना है तुझे, तु सुना दे जो सुनाना है तुझे, तु खफा हो ले जितना होना है तुझे, "पर हकीकत मैं मैं ना रही में तुझमें खोई हुई हुं".!!