mansi jain  
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Joined 2 December 2018


Joined 2 December 2018
28 MAY 2022 AT 14:48

जो शाम तेरी मेरी थी
आज अरसे बाद निकली थी

देख तुझे अपने इतने करीब 
मैं मन ही मन मुस्कुराई थी

जब थामा था तूने मेरा हाथ
धड़कने मेरी तेज हो गई थी

आंखें मेरी भर आई थी
बिछड़ने की गढ़ी जब आई थी

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28 MAR 2022 AT 18:29

अक्सर हार जाते है हम तुम्हे लिखते लिखते
मेरी कलम में वो बात कहा
मेरे पास इतने खूबसूरत लफ्ज़ कहा
जो तुम जैसे कोहिनूर को बया कर सके ।

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15 MAR 2022 AT 23:22

कोई हैं ही नहीं जिसको अपना कह सके
दिल कि तकलीफ किस्से बया करे
तुम तो बस एक ख़्वाब ही हो
अब ख़्वाब से भी क्या क्या बातें करे ।

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7 MAR 2022 AT 19:25

आपके कहने से की " हमारी राह एक नहीं"
मैंने अपने दिल की कहीं बातें बया की नहीं
अब ये मत सोच लेना की
"हमने आपकी चाहा कभी कि नहीं"

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14 FEB 2022 AT 14:58

आदत ऐसी हो गई है अब उनकी,
खयालों में उन्हें याद करके मुस्कुराने लगे है ।
खिड़की पर बैठ उनका इंतजार करने लगे है ।

आदत ऐसी होगई है अब उनकी,
उनके नाम के गीत गुनगुनाने लगे है ।
दिल थाम के उनका दीदार करने लगे है ।

आदत ऐसी हो गई है अब उनकी,
एक झलक पाने के उनकी रहा देखने लगे है ।
उनसे बात करने के लिए बहाने अब ढूंढने लगे है ।

अब आदत ही कुछ ऐसी हो गई है उनकी।
— % &

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8 MAY 2021 AT 21:24

माँ कभी तो दिखाया होता जो तू
आदि रात को भी रसोई में चली जाती थी
खासी में खड़ा और बेसन का हलवा बना देती थी
उसमे भी मेहनत लगती थी, तेरी नींद भी टूटती थी

माँ कभी तो समझाया होता जो तू
मेरे पसंदीदा खाना डाल बाटी, मूंग दाल का हलवा,
नान खटाई मेरे कहते ही बना देती थी
उसमे भी मेहनत लगती थी

माँ कभी तो एहसास दिलाया होता जो तू
अकेले सबका खयाल रखती थी
सबके लिए अलग अलग पकवान बनाती थी
उसमे भी मेहनत लगती थी

क्यों राजकुमारी की तरह पाला माँ
क्या अब कोई तेरी राजकुमारी को
रानी की तरह रख पाएगा माँ ?

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8 MAY 2021 AT 21:21

जब तू कहती थी एक दिन मुझे याद करके रोगे
खूब लड़ा झगड़ा करती थी मैं तुझसे
तब हस्ती थी मैं तुझपे
देख माँ आज आगया वो दिन
अब थक गए है रह रह के तेरे बिन

सुनना माँ तू कहदेना ना खुदा से इतना भी ना रूठे मुझसे
तेरे पास पौचा दे मुझे, बांध दे फिरसे तेरे आंचल से

पहले तू फूली देसी घी में लिपटी रोटी देती नहीं थी तो हम खाते भी नहीं थे
आज तो आदि कच्ची आदि जली हुई खाकर ही गुजारा करलेते है।
चोट लगने पर झट से तू हल्दी बादाम पीसकर का दूध बना देती थी
आज तो बस डाक्टरों की लिखी अंग्रेजी दवाई खाकर ही काम चलालेते है।

माँ बनना आसान नहीं होता
ये सिखाने के लिए क्यों इतना दूर भेज दिया
पास बिठा कर अपनी गोदी में लेटा कर
लोरी के रूप में ही समझा दिया होता।

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8 MAY 2021 AT 19:51

मेरी माँ उतनी पढ़ी लिखी तो नहीं
मगर मेरा चेहरा पढ़ना बखूभी जानती है।

मेरी माँ ने खाना बनाने के कोर्स तो किए नहीं
मगर दुनिया का सबसे स्वादिष्ट खाना बनाती है।

मेरी माँ को सजना सवरना तो आता नहीं
मगर मेरी नजरो से देखो तो सबसे सुन्दर लगती है।

मेरी माँ कि किसी बड़े शहर में परवरिश हुई नहीं
मगर हमारे छोटे से शहर कि फिटनेस गुरु कहलाती है।

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8 MAY 2021 AT 13:40

एक तरफा प्यार
ना शुरू होता है, ना कभी खत्म
एक तरफा प्रेम
जिसमे ना नजदीक आ सकते, ना ही दूर जा सकते
एक तरफा इश्क
ना मिलता है, ना भुला जाता है।
एक तरफा प्रीत
जिसमे ना मेरी गलती, ना तेरा कसूर
एक तरफा एहसास
सबसे खूबसूरत, सबसे दर्दनाक

एक तरफा मोहब्बत
जिसको जताने में भी दर्द और छुपाने में भी दर्द ही हिस्से आता है।
एक तरफा चाहत
जो वहा से थोड़ी कम और यहा से थोड़ी ज्यादा है।
एक तरफा खयाल
ना हम बया कर पाते, ना अपने तक रख पाते है।
एक तरफा रिश्ता
जो ना अपनाया जाता है, ना खोया जाता है।
और एक तरफा इंतजार
जिसकी कोई मंजिल नहीं होती, जो वक्त के साथ बढ़ता ही जाता है।

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26 APR 2021 AT 10:35

लोग कहते है एक दिन मेरी किस्मत चमकेगी
शायद किस्मत तो उसी दिन चमक गई थी
जिस दिन आपने हमारी जिंदगी में दस्तक दी थी |

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