माना की तुमसे इश्क़ करने में सुकून बहुत है,
पर उससे भी ज्यादा सुकून तेरी इजाज़त से तुमसे इश्क़ करते रहने में है।
तुमसे मिलने की ख्वाहिश तो मन में बहुत है,
पर इश्क़ का नशा फिर भी ना जाने क्यों तेरा इंतज़ार करते रहने में है।
बातें तो बहुत सी हैं जो तुमसे कहनी हैं,
पर पसंद इन आंखों फिर भी ना जाने क्यों ख़ामोशी से सब ब्यान करते रहने में है।
- मानसी ✍🏻️
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