अभी वक्त है
ट्रेन के आने में
मगर आते है फिर ये
नई कहानियां बुनेगी
कुछ लोगो को
अपनो से मिलाएगी
तो कुछ लोगो को
अपनो से जुदा कर,
ले जाएगी
इस ट्रेन में ही
कई बातें होंगी
दूर तलक जाना है
कई यादें होंगी
नए लोग होंगे
नई हवाएं होंगी
बीती बातों को भूल
नई शुरुआतें हाेगीं
बात तो सच है की
ये ट्रेन का सफर ना
बड़ा ही खास होता है
हर बार नए किस्सों का
पिटारा इसके पास होता है-
इस सफर ने
सफर का मायना बताया है;
कंधो पे लदे बोझ ने
जीना सिखाया है,
आज घर से दूर हूं मैं
मगर फिर घर को जाना है
मेरी ख्वाहिश कुछ और नहीं;
मुझे तो बस
खुद को आजमाना है— % &-
हमनें खुद ही सारे जख्म भर दिए,
इन पूछने वालों ने ही तो थे गम दिए,
अब ना सलाह ना मशवरा दीजिए जनाब;
हमने सब से जुदा अब अपने रास्ते कर दिए— % &-
हर रोज़ की कोशिशें
हर बार ही हार जाना
क्या तकलीफ है मुझसे
ए ज़िंदगी
अब तो मान जा ना-
मैंने अपनो को पल पल बदलते देखा है,
मुरझाए हुए फूलों को फिर खिलते देखा है,
तुम बात करते हो नासमझी की;
मैंने समझदारी को बाजारों में बिकते देखा है
-
सुना है क़ासिद है तू
जरा मेरी फ़रियाद ले जाना
चाहे जो हो हुक्म उसका
पैग़ाम जरूर लेते आना-
कफ़न नहीं माँ
तिरंगा लिपटा होगा
मेरी शहादत पर तुझे
नाज़ कितना होगा
मेरी वर्दी को चूम कर
संभाल के रखना
रोना मत माँ
मेरे बाद तुझे ही अपना
खयाल रखना होगा-
(चाय वाले भईया ने पुरानी यादें ताज़ा करते हुए कुछ यू कहां...)
चाय पे चर्चा...
यहां हर मसले पर
बात हुआ करती थी
देश विदेश की नीतियां
छिड़ा करती थी
आज विरान है ये महोला
कोई कुछ कहता ही नही
क्या करे साहब?
आजकल कोई दिखता ही नही।-
जला दो बीती यादें
मैं आज में मस्त हूं
जमाने की फिक्र नहीं मुझे
मैं अपने काम में व्यस्त हूं-
Wondering in midst of tale
Bliss I wished but got pain;
Muddling soul at my place
I tried but it results in vain;
Value of failure is now unveil
this is going to last in my brain-