खुद तूट जाते है दूसरो को तोड़ने वाले
लाश कहां रोति है , रोते है दफनाने वाले-
कृष्ण कृष्ण कर मुरली वह बजाये
पर मधुर धुन कभी समझ ना पाये
खुद भगवान चले है ये बनने
फिर भगवान क्या है ये सबको बताये
असल भक्ति मे छुपे है भक्त कइ कोसो दूर
जो लगे है प्रभु को दिल से मनाने
पर अब वो इंसान भी मेरे नजर मे इंसान नही
जो चला है खुद इंसान को ही खुदा बनाने
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Jis khamoshi ko logo ne meri haar or chuppi samjha tha
Vo hamari jung ki tayiyari ka ek namuna nikla-
बदलती बिमारी के साथ , दवा बदलते रहे
दर्द के साथ अब दुआ भी करते रहे
जो लगा था इंसान इंसान को दोस्त बनाने
वो साथ और साथ मे खुदा भी बदलते रहे-
ये इश्क के व्यापार में
ज्ञानी खड़े रहे हजार
दिल प्रेम समझाता रहा
बाजी ले गया दिमाग
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जब मैने आईना देखा
तो मैने ये क्या देखा
मैने खुदको लड़ता देखा
की पैहलि उड़ान भरी ही थी
पंख को फड़फड़ाया
फिर मैने खुदको गिरता देख कर
सब्र लाया ,
सबसे दूर होकर खुदको अकेला पाया
आज मैने आईना देखा , खुदको मैने हसता देखा
इस बार खुदसे लड़कर देखा
पंख को फड़फड़ाया , अब खुदको उड़ता पाया
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Chahte to hum bhi raaton me so sakte the
Par sapna suraj sa chamakne ka hai
Nind or Haath jalna to laazmi tha hi janab-
Dar hona sahi hai
Par utna hi jaha tak insaan mehnat ke liye majboor hojaye-
Tu hasta hai to lagta hai maano mera khuda Hass pada
Tu rooth ta hai to lagta hai maano mera ghar kahi kho gaya
Itne khoobsurat hote nhi hai log jitna khoobsurat ye mohhabat bana deti hai unko-
Zindagi :- Kyu kya hua , haar maan gaye?
Kaha tha na main Asaan nhi
Qismat :- Himmat hai toh hara ke dikha
Tujhe zameen se uthake aasman me rakhdungi-