“मेरा क़िस्सा सुन लिया तो ग़मज़दा होने लगोगे...
मैं तुम्हारा कुछ नहीं हूँ फिर भी तुम रोने लगोगे..!!!”-
“साफ़ दिखने लगेगी ये दुनिया
ऐनक आँखों से उतर जाएगी...
किसी बच्चे को खेलते देखो,
आँख की रोशनी बढ़ जाएगी..!!!”
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“साफ़ दिखने लगेगी ये दुनिया
ऐनक आँखों से उतर जाएगी...
किसी बच्चे को खेलते देखो,
आँख की रोशनी बढ़ जाएगी..!!!”
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जो भी मिला इसलिए मिला कि हँस के बहुत कुछ खोया हमने..
ये जो सूरज देख रहे हो, जुगनू-जुगनू बोया हमने.
दुख जब हमसे मिलने आया, उसकी हिम्मत टूट गयी..
झील भरी थी आँखों में पर क़तरा भी न रोया हमने.
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लहू और इश्क़ रंग दोनो का फीका हो नहीं सकता
मैं उसका हो चुका हूँ अब किसी का हो नहीं सकता
नयी ख़ुशबू तलाशूँ मैं कि उसकी ख़ुशबुएँ भूलूँ.. ?
किसी का होगा, ये मेरा तरीक़ा हो नहीं सकता
मैं उसका हो चुका हूँ अब किसी का हो नहीं सकता ..!!!-
अभी हाथ हाथों से छूटे नहीं हैं,
अभी रोक लो तो ठहर जाऊँगा मैं...
कहाँ ढूँढोगे फिर, कहाँ फिर मिलूँगा,
अगर वक़्त बन के गुज़र जाऊँगा मैं..!!!-
“वो जिसे लिख के शर्म आ जाए,
ऐसा नग़मा कोई लिख जाऊँ क्या..
शोहरतें भी हैं ज़रूरी लेकिन,
शोहरतों के लिए बिक जाऊँ क्या..???”-
जब अपने दिल का कमरा तुम ख़ाली पाओगी,
मैं आ जाऊँगा...
जब शाम ढले तन्हाई से तुम घबराओगी,
मैं आ जाऊँगा...
जब किसी बात पर आँख तुम्हारी बन जाए झरना..
तुम पलकें बंद करके दस तक गिनती करना...
मैं आ जाऊँगा...!!!-
“कौन था जो सम्हालता मुझको,
ठोकरों ने ही सम्हाला होगा...
इक दिए ने कहा था ये मुझसे
तुम जलोगे तो उजाला होगा..!!!”-
“मैं अब भी इक आवाज़ पे आ जाऊँगा खिंच कर,
ढूँढो कोई बहाना, बुलाओ तो किसी रोज़…
नौ आठ दो सौ पाँच और आख़िर में छह सौ सात,
नम्बर वही है मेरा, मिलाओ तो किसी रोज़”-