Manoj Gupta   (Manoj Gupta)
1.2k Followers · 6.1k Following

read more
Joined 7 September 2018


read more
Joined 7 September 2018
22 NOV 2022 AT 9:40

Good morning 🙏

-


30 MAY 2022 AT 7:52

Some peoples are really having a great personality/behaviour/nature..

Which are not possible to measure ever.

-


26 MAY 2022 AT 14:23

#झूठी शान..

जनता को बेवकूफ़ बनाना, न चलेगी,
क्या है.. हकीकत, ये दुनियां जान लेगी।
लाखों तजुर्बे लिए बैठे है लोग ये,
तत्क्षण ही.. बात समझ आ जायेगा।
सच जो है..
है विगत अच्छी तरह से तुमको।
अरे,
पीछे नकाब के चेहरा.. कब तक आड़ कर पायेगा ।
हां,जान लो.. बनावटी रुख ठहर न पायेगा।
परिस्थिति के गुलाम..
बता दूं.. समझ लो ये बारीकी से!
ख़्वाब उल्टा होता है.. सच्ची कहानी से।
कुछ बात तरक्की की करते हैं,
बहुत सुनीं है.. प्रयोग।
चंद्रमा, सूरज, आसमां सब.. सुलभ।
देह, दिमाग़ अरे जो जो.. कर लो,
पर..
कुदरत नहीं बन पाएगा।

-


24 MAY 2022 AT 9:15

It's the time,make your power unidirectional.
Sure, something will be rocking!

-


20 MAY 2022 AT 12:58

Situations would be handled..if you focusing on you.

It will be more critical, if you started ignoring him.

In both condition "A state comes when a voice comes from your own soul.."

Don't be much worried.. hope never lost.

-


19 MAY 2022 AT 13:48

Shi waqt pr..

Ye bhi badal hi jayega..!

-


16 MAY 2022 AT 18:54

जलती गर्मी.. में बारिश..🌧️🌧️

हवाएं, कड़क चाय..🍮 + कुछ चखना।

ओहो.. ह..ह..

-


15 MAY 2022 AT 1:11

शब्दों से कहां बयां होगी,
कण्ठ सफल न हो पायेगा।
इनकी महिमा के बखान तो,
बस मौन ही कर पायेगा।
प्रेम रस को शिशु कृष्ण ने,
अधरों से रसपान किया ।
वीर शिवाजी ने कठिन सिंहगढ़,
निर्देशन में जिनके फतेह किया।
चर्चा ऐसे नारी की कर रहे,
जिसके सपूत ने हंसते-हंसते,फांसी के फंदे को चूम लिया ।
प्रथम शिक्षिका है जो सबकी,
सामाजिक व्यवहार का ज्ञान दिया।
निज शिशु के खुशियों के परे,
अपना सब कुछ न्योछार दिया ।

भूखी रही खुद,भरा पेट पर बालक का ।
रक्षा हेतु तुम्हारे ही,लिया सहारा सौ जप-तप का ।

भारतीय संस्कृति की मूल ध्रुव,
जो ईश्वर के समान है..
मां शब्द वास्तव में ही ,
इस जग में सबसे महान है।

-


2 MAY 2022 AT 9:23

समर्थ अभी नहीं हूं मैं!
खाली है.. जेब मेरी।
शिकायत ये ख़ुद से है,
आप तो वैसे भी निःस्वार्थ हो।
जीवन देकर भी आपके
उपकारों की भरपाई नहीं हो सकती।

-


2 DEC 2018 AT 17:09

'इक अजीब सा राही हूं,
जो भटक रहा ,जो सहम रहा
जो ढूंढ रहा है खुद को ।
खुद की तलाश ,मंजिल है खास
कर रहा प्रयास,हूं ना हताश
हर तरह के उपदेश का ग्राही हूं,
मैं अजीब सा राही हूं।।'

-


Fetching Manoj Gupta Quotes