"चांद से बनती कहां मेरी है ,
उस से भी खूबसूरत मेहबूब जो मेरी है !!"-
चेहरा सब कुछ नही बोलता है ,
किसके मन में क्या छुपा है
ये कौन जानता है ...
अच्छे - अच्छो का यहाँ बिकता ईमान है
लाखो रूपय तनख़्वाह पाने वाले भी
गरीब - मजदूरो से लेता रिश्वत यहाँ है
अपनी कमाई से लोगो का पेट भरता कहाँ है
जब तक दूसरो के हक छीन ना ले
ऐसे लोगो को चैन मिलता कहाँ है
पाप की कमाई फलेगा नही
जो तू चाहता है वो यहाँ होगा नही
फिर भी लोग इस बात को मानता कहाँ है-
"मोहब्बत रूह से किया था , जो अब भी करता हूं मैं,
धोखा तो सनम ज़िश्म ने दिया तो उसे भुला दिया हमने"-
हरपल मुस्कुराने की वादा को तोड़ दिया ,
ये जान, जब तुमने मेरा साथ छोड़ दिया..
तो लो आज हमने भी तेरा एक वादा तोड़ दिया...!!-
हरपल मेरे हाथों में तेरा हाथ हो
जब तक धड़के दिल ये मेरा
हर धड़कन में तेरा वास हो
जो ग़र कभी मिले कोई जन्म दूजा
मेरे मेहबूब , मेरे हमदम
उस जन्म में भी तुम्हरा ही साथ हो-
"बेसक तुम कानून की दलीलों में जीत गए ,
लेकिन मेरी नज़रों में अब तुम गिर गए हो...!!"-
कर्ज़ और फर्ज़ के बीच फसे मुशाफिर
अपने चाहत का इजहार कैसे करें
एक को मनाओं तो दुसरा रूठ जाती हैं
राह कोई भी पकड़ो कोई एक पीछे छूट जाती हैं-
"वर्षों बाद जब वो मिली तो उसके चेहरे पे एक मलाल थी,
बाहों में तो भर लिए थे काश माथे पे भी सजा लेते तुझे...!!"-
ज़िन्दगी ले अइल बा हमके ये केसन मोड़ पे
ना कोई राह बा ना कोई हमसफ़र
देखल सपना टूट गइल बा
साथी हमर रूठ गइल बा
आकर एक अइसन मोड़ पे-