लोग वफ़ा की उम्मीद भी,
वहाँ रखते है..
जहाँ लोग बेवफाई से भरे बैंठे हैं।।-
मैं तो सिर्फ वो शब्द हूँ,
जो ... read more
उसे आज!
मेरे अश्कों की ख़बर नहीं...
जिसे कभी!
मेरे हर पल की ख़बर रहती थी
-
मैं बंजारा सा बंदा...
तू मेरे घर जाने की वज़ह बन जा..
राहे कई है सामने मेरे..
पर मैं जिस राह गुज़रु उस राह की तू मंज़िल बन जा..!!-
"शबाब" और "शराब" को एक मे न मिलाओ ए ग़ालिब,,,
दोनों एक हो गए तो "नशा" जरूरत से ज्यादा ही हो जाएगा,,,-
यारों!
वो तो मुझे भुलाये मशरूफ़ है अपनी ज़िंदगी में
और यहाँ ना जाने क्यों
हम जो बौराये बैठे है उनकी मोहब्बत में...-
वो एक मखमली सी शाम बनकर आयी थी मेरी ज़िंदगी में
मैं उसकी आग़ोश में सुकून नींद सोया करता था
जब देखें मैंने अनेकों रंग उनकी मोहब्बत में
तब पता चला मैं अपनी आस्तीन में साँप लिए सोया करता था-
हम उनके लफ़्ज़ों के जाल में
कुछ इस तरह से उलझ से गये
की वो हमारा दिल भी तोड़ गए
और हम किसी को अपना दर्द भी बयां न कर सके-
तुम मेरे नसीब में नहीं अब
मैं ये अक्सर भूल जाया करता हूँ
तेरी सिर्फ एक झलक देखने को
मैं अक्सर तरस जाया करता हूँ
तुम्हे देख खुश अपनी ज़िंदगी में,
मैं भी खुश हूँ
पर तम्हारे होंठों पर आयी
खुशी का कारण मैं नहीं
मैं यही सोचकर अक्सर रो जाया करता हूँ-
लफ़्ज़ों को भी सुकून मिल जाता होगा,
जब होंठों में तेरे वो सजते होंगे!-
हुस्न ए महताब से नवाज़ा है तुझे उस खुदा ने
इश्क़ तेरा बरसात की तरह बरसाया है मुझपर उस खुदा ने
सलामत रहे वो हर सख्श
तुम्हे मिलाने को मुझसे जिनको भेजा है जमीं पर उस खुदा ने-