कुछ नहीं था सदा उम्र भर के लिएलौट आना था तुमको ही घर के लिएकिस तरह से वो वादें जलाओंगे अबजो रक्खें थे मुक़म्मल सफ़र के लिएयाद रखना जो वो रौशनी है वहाँवो बनी है किसी रेहबर के लिए झूठ बोला मगर सादगी से भरासच नहीं था बना उस ख़बर के लिएसी गए थे ज़ख्म तुमने छेड़े है क्योंनोच लो अब इन्हें कुछ सबर के लिए किसने चाहा था वो बस मुसाफिर बनेपर हुआ ये कि भटके हुनर के लिए... -
कुछ नहीं था सदा उम्र भर के लिएलौट आना था तुमको ही घर के लिएकिस तरह से वो वादें जलाओंगे अबजो रक्खें थे मुक़म्मल सफ़र के लिएयाद रखना जो वो रौशनी है वहाँवो बनी है किसी रेहबर के लिए झूठ बोला मगर सादगी से भरासच नहीं था बना उस ख़बर के लिएसी गए थे ज़ख्म तुमने छेड़े है क्योंनोच लो अब इन्हें कुछ सबर के लिए किसने चाहा था वो बस मुसाफिर बनेपर हुआ ये कि भटके हुनर के लिए...
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सिर्फ़ तेरा ही होना नहीं था सखीएक पहलू तो सिक्का नहीं था सखीजिसको आवाज़ देकर बुला ना सकेंवो कभी भी तुम्हारा नहीं था सखीथी कसक जो इधर अधमरी सी रहीजिसको आता भी रोना नहीं था सखी'भावना' वैसे ऐसे किसी की नहींउसका चहरा पराया नहीं था सखी -
सिर्फ़ तेरा ही होना नहीं था सखीएक पहलू तो सिक्का नहीं था सखीजिसको आवाज़ देकर बुला ना सकेंवो कभी भी तुम्हारा नहीं था सखीथी कसक जो इधर अधमरी सी रहीजिसको आता भी रोना नहीं था सखी'भावना' वैसे ऐसे किसी की नहींउसका चहरा पराया नहीं था सखी
टोकना, सोचना, झाकना, देखना पर मगर जो गया उसको क्या रोकनाइन लकीरों की क्या गलतियाँ थी भलाउसको होना नहीं था तेरा 'भावना ' -
टोकना, सोचना, झाकना, देखना पर मगर जो गया उसको क्या रोकनाइन लकीरों की क्या गलतियाँ थी भलाउसको होना नहीं था तेरा 'भावना '
हौसलों से ये मंजर बदल जाएगा रात कट जाएंगी दिन निकल जाएगा वो किनारा मेहज़ इक किराना नहींउसके होने से दरिया संभल जाएगाजो गया लौटकर वो भी क्या आएगारंग पानी का पानी में मिल जाएगाउससे बोलो कि क्या तेरी औकात है ठोस लोहा भी इक रोज ग़ल जाएगा क्यूँ निकलकर नहीं जाएगा 'भावना'!वक़्त तब तक भला और टल जाएगा -
हौसलों से ये मंजर बदल जाएगा रात कट जाएंगी दिन निकल जाएगा वो किनारा मेहज़ इक किराना नहींउसके होने से दरिया संभल जाएगाजो गया लौटकर वो भी क्या आएगारंग पानी का पानी में मिल जाएगाउससे बोलो कि क्या तेरी औकात है ठोस लोहा भी इक रोज ग़ल जाएगा क्यूँ निकलकर नहीं जाएगा 'भावना'!वक़्त तब तक भला और टल जाएगा
तुम कर लोंगे -
तुम कर लोंगे
चल दिए हर हाल में -
चल दिए हर हाल में
शब्द ही नहीं है...नानीI♥️Uकभी नहीं कहापर अब कोई फ़ायदा नहींहोना थातो पता लगाना होना क्या होता हैँजब कोई बच्ची ट्रैन में छूट जाती हैँ तब तुम्हारी बहुत याद आती हैँ -
शब्द ही नहीं है...नानीI♥️Uकभी नहीं कहापर अब कोई फ़ायदा नहींहोना थातो पता लगाना होना क्या होता हैँजब कोई बच्ची ट्रैन में छूट जाती हैँ तब तुम्हारी बहुत याद आती हैँ
सहारा है नहीं दुनियां में कोई मैं हूँ ये ही तो मेरा सहारा है -
सहारा है नहीं दुनियां में कोई मैं हूँ ये ही तो मेरा सहारा है
दो वक्त की रोटी को आसान न समझो किसी की उम्र ले जाती है ये दो वक्त की रोटी किसी का सब्र ले जाती है ये दो वक्त की रोटी और कहना बहुत आसान है साहिब आपका काम दो वक्त रोटी -
दो वक्त की रोटी को आसान न समझो किसी की उम्र ले जाती है ये दो वक्त की रोटी किसी का सब्र ले जाती है ये दो वक्त की रोटी और कहना बहुत आसान है साहिब आपका काम दो वक्त रोटी
सफ़र तन्हा करो मंजिल मिलेगी नहीं तो साथ को खोते रहोगे -
सफ़र तन्हा करो मंजिल मिलेगी नहीं तो साथ को खोते रहोगे