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कुछ है तो वो है
आत्म सम्मान
मर्यादा के दायरे में
रहकर प्रेम करो
तो प्रेम भी पवित्र
होसकता है।-
ತಿಳಿಯಾದ ನೀರಿನಂತಹ ಮನದೊಳಗೆ
ಎಲ್ಲೋ ಯಾರೋ ಮಣ್ಣು ಕಲ್ಲಿನಂತಹ
ಕೆಟ್ಟ ಮಾತು ಹಾಕಲು ಆಗುವ ಕೋಲಾಹಲವೆ "ಕಲ್ಮಶ" ಎಂದನಾ ನನ್ನ
ಮನದಾಳದ ಮೌನಜ್ಞ.-
ತರಲಿಲ್ಲದಿದ್ದರೂ ನೀ
ನನಗೆ ಗುಲಾಬಿ
ನಾ ನೆಂದಿಗೂ ನಿನ್ನವಳೇ
ಎಂದನಾ ನನ್ನ ಮನದಾಳದ
ಮೌನಜ್ಞ.-
जिस ने रात सो के गुज़ारा है
शायद किसी को रात लंबी
लगे जो सुबह का इंतज़ार करता है
शायद किसीने समझा खुद को
उसने रात को भी समझा होगा
जो सोना सका हो रातो में
उसने भी समझा होगा।-
कुछ छोटी सी कुछ बड़ी
विवाद भी करता है
समय अपना मस्त रहे तो
तिनका भी राजा बनता है
समय अगर कुछ बिगड़े तो
राजा भी चोर कहलाता है
ऐसे समय का क्या करे
जो खुद इतना इतराता है
मेरे सामने कौन है तू
जा तुच्छ मानव कहलाता है
सब कुछ समय पे छोड़ दो तुम
हर समय सभी का आता है
हार का शर्म मनाने वाला भी
जीत का जशन मनाता है
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आज भी फिर रही हूँ मैं
कितना दर्द झेल कर भी
मुस्कुरा रही हूँ मैं
जी चाहता है के थोड़ा खुल के
रोलूँ मैं फिर भी किसी के लिए
हँस रही हूँ मैं।
चोडो आप का बोझ आपको
काफी है फिर क्यों
अपना आप पे ही थोप रही हूँ मैं ।
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मुझसे रूठने की
लेकिन हर रोज़ रूठा ना करो
एक ही तो दिल है मेरा
उसे तोड़ा नाकारो।-