Manju Rai   (Queen)
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Joined 25 December 2017


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26 JAN 2022 AT 14:18

भारत की हर बात निराली
हर पल खुशियाँ हर पल दिवाली
देश के लिए जीना , देश के लिए मरना
अपना सब कुछ इस पर न्यौछावर करना
यही है हर भारतीय की पहचान
मेरा देश मेरा गर्व मेरी जान

गणतंत्र दिवस की ढेरों शुभकामनायें

Manju Rai Sharma'Queen — % &

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23 JAN 2022 AT 17:42

बलिदानी

शीश पे बाँध कफ़न निकले थे ,
वो आजादी के थे मतवाले I
भारत माता के सपूत थे ,
बड़े ही हिम्मत वाले I

वो भी क्या बलिदानी थे ,
सपना पाले थे या गुरूर I
हँसते -हँसते चूम फाँसी को ,
झूले थे भगत ,सुख औ राजगुरू I

स्वपन आजाद भारत का ,
देखती बाला थी वो वीर I
लक्ष्मी नाम था उसका ,
अरि का काल थी उसकी शमशीर I

दो मुझे तुम खून ,
मैं तुम्हे आजादी दूँगा I
सुभाष का था नारा ,
शीश माँ का न झुकने दूँगा I

हँसते - हँसते गाते थे ,
वो आजादी के गीत I
ध्वजा ले निकले नग्न पद ,
ऐसी थी माँ के लिए उनकी प्रीत I

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15 JAN 2022 AT 20:41

बहुत खूबसूरत है ये ज़िन्दगी , जैसे फूल में बसी खुशबू
कोयल की मधुर कुक और बगिया में भौरों की गुन - गुन
हर तरफ छिटके हैं तारे और चाँद की उजली सी चादर
सूरज देखो भर- भर लाया है किरणों की गागर
चाँदी सी चमक उठी है देखो धरा
जैसे दुल्हन ने किया हो श्रींगार गहरा

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13 JAN 2022 AT 23:00

अहम का पेड़ जितना बड़ा होगा फल भी उतना ही विषैला होगा और सब कुछ समाप्त कर देगा इसके विपरीत विनम्रता का वृक्ष जितना बड़ा होगा फल उतने ही मीठे और अमृत तुल्य होंगे और आस - पास स्वर्ग सा वातावरण निर्माण हो जायेगा

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4 JAN 2022 AT 9:23

सूरज का संदेश

लाली ओढ़े आता हूँ ,
लाली ओढ़े जाता हूँ I
कल फिर मैं से आऊँगा ,
यह उम्मीद दिये जाता हूँ I

दिन भर चलता हूँ ,
नहीं मैं हूँ थकता I
ऊर्जा से मैं अपनी ,
तुम्हें हूँ ढकता I

देकर अपनी किरणे ,
तुम्हें मैं सवांरता I
प्रकृति के सौंदर्य को ,
मैं ही हूँ निखारता I

रोशनी से मेरी ,
धरा है जगमगाती I
आसमाँ मेरी लाली ,
से माँग रोज है भरती I

हर श्रंगार होता है मुझसे ,
पर मैं निरंतर, बस चलता रहता हूँ I
यही है सारे जीवन का सार ,
अनवरत, असीम खुशियाँ बाँटता चलता हूँ I


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3 JAN 2022 AT 10:51

मन के बंद दरवाजे पर दी है समय ने दस्तक
यही पल है कर के ऊँचे कर्म उठा ले जहाँ में अपना मस्तक
शुभ प्रभात

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4 NOV 2021 AT 16:41

एक दिवाली ऐसी भी

एक दीया ऐसा जलाओ
मिटे मन का अँधियारा
प्रेम -प्रकाश से मन हो रोशन
दिपों की अवली से जगमगाये जीवन सारा

रोज मन में हो उत्सव
प्रेम- प्यार , सौहार्द का
अभिलाषायें हो सबकी पूर्ण
जब दीप जले मानवता का

जले जब मन में बुराई का रावण
मन बन जाता है अयोध्या नगरी
राममय हो जाता सब कुछ
दीपों से जगमगा जाती नगरी सगरी

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23 OCT 2021 AT 20:44

सपने

सपना ऐसा है कि सोने नहीं देता |
ज़िन्दगी की उलझनों में खोने नहीं देता ||

हर पल जगाता है ये |
सपनों को जीना बताता है ये ||

निरंतरता बनाये रखो |
परिश्रम से ताल मिलाये रखो ||

वक्त के साथ - साथ चलो |
अनुशासन के साथ पलो ||

सत्य की राह न छोड़ो |
मुश्किलों से मुख न मोड़ो ||

देख मंजिल खड़ी सामने तेरे |
थक ना तू , चाहे छाये बादल घनेरे ||

लक्ष्य को पाकर दिखाना है |
सपनों को जी कर दिखाना है ||




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24 SEP 2021 AT 20:46

न जाने ये ज़िन्दगी कहाँ ले जाना चाहती है ,
बस इसके साथ बह जाना चाहती हूँ
आसान नहीं है तेरे रास्ते मगर ,
अपना रास्ता खुद बनाना चाहती हूँ

वो मंजील ही क्या ,
जिसे सारा जमाना चुनता है
अपने सपनों को बस
आँखों में बुनता है

कुछ अनकहा छोड़ ........

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14 SEP 2021 AT 17:44

हिन्दी - जगत उद्धारिणी

हिन्दी भाषा प्यारी भाषा ,
जगत उद्धारिणी हिन्दी भाषा I

हर शब्द का भिन्न अर्थ है ,
न पहचानों तो अनर्थ है ,
प्यार बाँटती चलती भाषा I
जगत उद्धारिणी हिन्दी भाषा I

जो न जाने हो वंचित धर्म से ,
हो वंचित गीता मर्म से ,
अनपढ़ से विद्वान बनाती भाषा I
जगत उद्धारिणी हिन्दी भाषा I

मान हिन्द का इसमें समाया ,
विश्व में नाम का डंका बजाया ,
क्यों ? अपने गृह हुई पराई भाषा I
जगत उद्धारिणी हिन्दी भाषा I

अपने मूल को तुम जानो ,
छद्मवेश को तुम त्यागो ,
आन , मान ,सम्मान बढ़ाये भाषा I
जगत उद्धारिणी हिन्दी भाषा I


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