नींद भी उन्हें कितनी गहरी आई होगी,
जब मेरी नींद छीनकर उन्होंने अपनी नींद दोगुनी कर ली होगी।-
बेशक पापा की परी होती हैं बेटियाँ,
ग़म में भी होंठों पर मुस्कान ले आयें
ऐसी प्यारी होती हैं बेटियाँ,
पर जो पापा दूर चले जायें
फिर किसकी परी रह जाएँ यह बेटियाँ,
बस बोझ बनकर रह जाती हैं
यही प्यारी बेटियाँ,
खुद छुप छुपकर रोया करती हैं
यही औरों को हँसा देने वाली बेटियाँ,
किसी से कुछ नहीं कह पाती हैं
यही ना चुप रहने वाली बेटियाँ,
पापा के साथ इनका वजूद खत्म हो जाता है,
जो कहते हैं पापा की परी होती हैं बेटियाँ।-
Maaf karna tera promise hum nibha na sake..
Tune kaha tha mere liye rona nahi par hum khud ko chup kara na sake.
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Sab kuchh to chheen liya.. ab kam se kam jee bhar ke ro to lene de.
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नाराज़गी भी कितनी शातिर चीज़ है ना,
ये हमसे हमारा वो कीमती वख़्त छीन लेती है
जो कभी लौटकर वापस नहीं आता।
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मुझसे दूर रहकर ही जब तू खुश है,
ऐसे में तुझसे दूर हो जाऊँ क्या ये वाज़िब नहीं है।-