कितने बड़े अक्ल के दुश्मन हो तुम ।कब अक्ल आएगी तुम्हे ,अपने ही हाथों से कोई अपने प्यार का गला घोटता है क्या ।तुमने अपने दोस्त नीरज की खातिर अपनी खुशियों का गला घोंट दिया । अपने प्यार को कुरबान कर दिया ज़रा भी नही सोचा तुमने अपने बारे में,कि उसके बिना तुम्हारा क्या होगा । क्यूँ सोचोगे अपने बारे में अकल के दुश्मन जो ठहरे ।
- Dr Manju Juneja
21 SEP 2018 AT 10:56