जिंदगी क्या है ?
बस........
कुछ सवाल है,कुछ उलझने है
कुछ अधूरी बाते है और
कुछ ख़्वाब है , तो कुछ ख्वाहिशें है ।
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ना ही जवाब मिला किसी सवाल का ,
ना ही उलझने सुलझी ।
ना ही कुछ बाते पूरी हुई और
ख़्वाब और ख्वाहिशें भी अधूरी रही ।
क्या बस यही जिंदगी है , यही जिंदगी है ......
Kailash_Manju की कलम से🖋-
Manजु duडी दिल की कलम से एक कोशिश मेरी
दिल की कलम ने मुझको ... read more
कुछ सवाल है,कुछ उलझने है
कुछ बाते है,कुछ ख़्वाब है
कुछ ख्वाहिशें है.....
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ना ही जवाब मिला, किसी सवाल का
ना उलझने ही सुलझी।
ना ही कुछ बाते हुई,
ना ही ख़्वाब और ख्वाहिशें पूरी हुई ।
क्या इसी का नाम जिंदगी है ?
अगर ये ही जिंदगी है तो
किसको ख्वाहिश है जिंदगी की ?
अगर जिंदगी हो तो ऐसी हो .....
हर सवाल का जवाब हो जिंदगी ,
सुलझी सी हंसी ख्वाब हो जिंदगी ।
जहां हो सब ख्वाहिशें पूरी और
बेफिक्र सी हो जिंदगी ,
सतरंगी इंद्र धनुष पर सवार ,
आजाद परिंदे सी हो जिंदगी ।
Kailash _Manju की कलम से 🖋-
हम तो रोए है बंद दरवाजों मे जब तन्हा हुए है कभी,
पर हमने अक्सर लोगो को घुट-घुट कर जिंदगी को जीते देखा है कही।
वो ख़ामोश दरिया से बहते जाते है कही ना कही,
पर ओढ़कर गम की चादर,छिपाकर दर्द को मुस्कुराए जाते है कही।-
अब बार बार दिल का टूटना यू
इक दिल ही तो है मेरा अपना
जो सुनता है मेरी हर बात को
ओर देता है साथ धड़क-धड़क कर
वर्ना तो कौन हुआ किसी का
इस रंग बदलती दुनिया में-
तन्हा ही किसी राह पर ,खुद से गुफ़्तगू करने ,
बाँहे खोलकर मिले हम अक्सर हर मोड़ पर नये चेहरो से,
पर हमे क्या पता था ये कि वो बाँहे हमारी ही काटकर
पूछेंगे कि हमने क्या गुनाह किया?
वाह रे दुनिया वालो तुम्हारा खेल भी निराला है।
इसलिए सोचते है कि किसी के साथ से बेहतर तन्हा ही सही।-
लगता है दिल ने दिल से गुफ़्तगू कर ली।
हाल-ए-दिल खोलकर रखा जो सामने हमने दोस्त के,
तो लगा थोड़ा ओर जी लिए हम भी शकून से।
बिन बोले समझ लेते है जो कई-कई मर्तबा इक दूजे को, तो लगता है रूह का रूह से रिश्ता पुराना है।
दोस्त होते है तो जिंदगी,जिंदगी नही जिन्दादिली होती है।-
कभी-कभी यूही दिल भर आता है,
वजह-बेवजह......
कभी-कभी ख़ामोश रहना ही शकून देता है,
वजह -बेवजह.....
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मासूम नटखट नादान सी लगती है।
खिल-खिलाकर हँसती हुई फुल सी खिलती है।
अदाएं खूब है उसमे अपनी हर अदा से चहकती है।
माता रानी यूही महकती,चहकती रखे ,
इस चिड़िया को अपने गुलिस्ता मे ।
Happy birthday Akshima 🎂
God bless you beta 🙌
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जब-जब कोहरा तन्हाई का घेर लेता है।
भुलाकर सब कुछ आगे बढ़ना चाहती हूं।
पर जमाने के कुछ शब्द कानो में पड़ते है
तो ठहर से जाते है मेरे बढ़ते कदम और
फिर थम सी जाती है ,मै और मेरी जिंदगी
ओढ़ लेती हु मै फिर से ख़ामोशी की चादर
और गुम हो जाना चाहती हु ,
तन्हाई संग तन्हा सी कही
मै और मेरी तन्हाई संग .......
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हम इंतजार करते है उनके आने का बेसब्री से और
इक वो है कमबख्त जो बंटवारा जमि का कर के बैठे है।
कोई सरोबार नही उनको हमारे ग़मों से
रिश्ता स्वार्थ का वो हमसे जोड़कर बैठे है।
क्या करे ऐसे रिश्तो का भी हम ?
जो हमारी खुशी मे नही ,हमे गम मे देखकर खुश होते है-