फुरसत मिले तो हाले दिल पूछ लीजिए।
कुछ मेरी भी सुनिए कुछ अपनी सुनाइए।
Manjeri verma
6.02.2023-
ख़्वाब के नगर में
तुमको तो याद होगा,
उस ख़्वाब के नगर में,
तुम्हारा ही तो आना होता था,
ख़ामोश आंखों ने सब पढ़ लिया था,
लेकिन वो बस ख़्वाब ही बन कर रह गए।
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धुवां धुवां सी ज़िन्दगी ना बन जाए,
कुछ तो संभालो यारों,
है बड़ी हसीन ज़िन्दगी,
हर पल को गुजारो यारों।-
बहुत दिनों के बाद आई हूं महफ़िल में,
ज़रा शुक्रिया तो कहिए जनाब,
ऐसा नहीं कि हमने याद ना किया,
याद तो बहुत किया पर वक्त नहीं दिया।-
हमारे पास उनके जैसा कुछ नहीं,
फिर भी हमारी ईमानदारी और सच्चाई से लोग जलते हैं।-
घनघोर घटा गरजे बदरा,
रिमझिम पड़े फुहार,
नैनों से नैन मिले,
मनवा है बेचैन,
कैसे कहूं मैं अपनी बतियां
कहने को बेचैन,
गुमसुम तुम हो,
गुमसुम मै हूं,
कैसी है ये रैन।
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अपने पर पूर्ण विश्वास होने के तीन कारण
1हमे तो पूर्ण विश्वास है लेकिन सामने वाले को नहीं।
2हम काम करना चाहते है लेकिन सामने वाला कराना नहीं चाहता।
3हम बोलना चाह रहे हैं लेकिन सामने वाला बोलने नहीं देता।
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अपने आप को पहचानो
कोई क्यूं तुम्हें जानेगा पहचानेगा,
सबको अपनी पहचान बनाने की लगी है,
इस दौड़ में कई अपने भी छूट गए,
जो जानते थे पहचानते थे तुम्हें
क्या ये काफी नहीं था?
परायों के बीच खड़े दो राहों पर,
निकले वे बेगाने इस अनजाने शहर में,
पहले अपने आप को तो पहचान लो,
आख़िर तुम्हें सुकून कहां मिलता था,
ये सोच कर तो एक बार देखो लो।-
एक तस्वीर
कल ही तो देखा था, तुम्हें जमीं पे चांद,
झील की जल धाराओं की हलचल में तुम्हें,
आज तुम एक तस्वीर की तरह उजले से लगे,
क्या ये मेरे मन की उलझन थी या कुछ और?
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तिरंगा
लहराता रहेगा तिरंगा हमारा ,
जब तक रहेगा ये सूरज और चंदा,
ये वतन है हमारा मुझे जान से है प्यारा।
इसकी रक्षा की खातिर लेते हम कसम ये,
जो भी नजर बुरी डालेगा मेरे वतन पे,
छोड़ेंगे ना उसे हम देखेगी दुनिया सारी।-