Manjeet Singh Lakhtakia   (मन)
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Zoology Lecturer
Msdian🙋
Birthday- 11 Jan

गलतियाँ बताकर अनुग्रहित करें
Joined 18 October 2017


Zoology Lecturer
Msdian🙋
Birthday- 11 Jan

गलतियाँ बताकर अनुग्रहित करें
Joined 18 October 2017
20 FEB AT 12:16

प्रेम व्यक्त करने को यदि मिल जायें शब्द
प्रेम नहीं है ये शायद, मात्र शब्द हैं शब्द

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19 DEC 2023 AT 0:21

थक कर बैठा है मन, अभी पराजित नही है
पथ मुश्किल ही तो है, परन्तु अविजित नहीं है

जीवन लम्बा है, जय पराजय सब होनी हैं
रेखाएँ मात्र हैं हथेलियों में, भाग्य अभी सृजित नहीं है

चमकना है तो निश्चित ही जलना पड़ेगा "मन"
बिना तपन के तो "ताम्र" भी अर्जित नहीं है

स्कन्ध गिराने से पहले बस पिता का चेहरा याद करना
जीता भले ही ना हो अभी, किन्तु हार अभी निश्चित नहीं है

थक कर बैठा है मन, अभी पराजित नही है
पथ मुश्किल ही तो है, परन्तु अविजित नहीं है

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2 DEC 2023 AT 0:47

जब मरना तय है
तो किस बात का भय है।
आरम्भ प्रलय है, अंत प्रलय है
आदिकाल से, प्रकृति की यही तो लय है।।

मिलना अनिश्चितता है
विरह शत प्रतिशत निश्चय है।
तुम क्या बदलोगे नियम
आदिकाल से प्रकृति की यही तो लय है।।

आज जो प्राप्त है, कल न होगा
जिस पर अधिकार जमाकर बैठे हो, सब संशय है।
बदल जायेगा कुछ पल भर में,
सब समय है।।

सब आरंभ उन्ही से होता है
सब अंत उन्हीं में होता है।
कण कण में वही मय है
उसने चाहा वही तय है।।

निडर हो कर प्रयत्न कर,
प्रयत्न बिना जीवन तममय है।
"कर्म कर फल की चिंता मत कर"
ईश्वर ने यह कहा स्वयं है।।

जब मरना तय है
तो किस बात का भय है।।

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15 OCT 2023 AT 0:35

खाली लगता है,
तारों से भरा आसमां भी,
ढलता नहीं ये बेहद लंबा दिन,
तेज़ी से ढलते सूरज के साथ भी।
भीड़ में पिसता हुआ भी लड़का भी,
खुद को अकेला पाता है।
जब दोस्ती से प्यार में बदला रिश्ता,
वापस दोस्ती में बदल जाता है।।

बन्द कर देता है बताना,
कि क्या महसूस कर रहा है वो।
पूरे दिन चुप नहीं होने वाला लड़का,
पूरे दिन चुप रहने लगता है।
मुस्करा दिया करता था जिसे याद करते ही,
अब याद आते ही चेहरा उतर जाता है।
जब दोस्ती से प्यार में बदला रिश्ता,
वापस दोस्ती में बदल जाता है।।

कतराता है हाल पूछने से भी,
मालूम है कि झूठ कहा जायेगा।
दो चार पल काफी नहीं थे देखने के लिए,
उसे दो चार पल देखने के लिए तरस जाता है।
जब दोस्ती से प्यार में बदला रिश्ता,
वापस दोस्ती में बदल जाता है।।

कुछ प्रेम कहानियों की बस इतनी सी कहानी होती है,
बेहद ईश्क़ होकर भी कह नही सकता अंत में,
क्योंकि उसे अपनी दोस्ती भी बचानी होती है।
शान्त है बाहर से, मुस्कुरा रहा है,
लेकिन अभी भी उसका नाम किसी और के साथ देख के आज भी जल जाता है।
यही होता जब दोस्ती से प्यार में बदला रिश्ता,
वापस दोस्ती में बदल जाता है।।

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15 AUG 2023 AT 23:11

जो भी मिले राह में,
चल लेना सँग सबके...
शायद निभा जाए अंत तक
साथ तुम्हारा,
मग़र कोई हाथ न हो थामने को,
तब मुझे हाथ देना।

सारी दुनिया सुनेगी,
मधुर आवाज तुम्हारी,
मग़र जब उम्र ढलने लगे,
आवाज लड़खड़ाने लगे,
कोई न हो सुनने को ,
तब मुझे आवाज देना।

चढ़ते सूरज को सब सलाम करते हैं,
सब बेकरार हैं,
सुनने को किस्से, गिले, शिकवे, शिकायतें,
सुख दुख, हंसी, सब कुछ...
जब सारी दुनिया इनकार कर दे
तब अपने सारे दर्द मुझे बता देना।

क्योंकि शुरुआत नहीं,
शायद अंत मे मिलूंगा हमेशा,
धरती के अंतिम छोर पर भी अगर मिलूं,
तो हक है तुम्हारा, जता लेना...

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12 JUN 2023 AT 14:46

मेरे गाँव आज भी तेरे शहरों जितने बड़े नहीं हुए
कोई कत्ल हो रहा हो सरेआम वहाँ "मूक" खड़े नहीं हुए

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19 FEB 2023 AT 7:07

आसमां में उड़ने वाले रखें ख़ौफ़ गिरने का...
मैं जमीं पर बैठा हूँ मन, मैं क्या गिरूंगा...

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17 FEB 2023 AT 14:09

चार लोग बैठे हैं बराबर में...
चारों ही बराबर तन्हा हैं...

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4 JUN 2022 AT 20:38

सब नजारें निरथर्क लगे, जब से "मन" तेरे सँग घूमा है
मेरा चाय पीने का भी मन नहीं कर रहा, जब से तेरा माथा चूमा है

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17 MAY 2022 AT 17:31

क़लम थामकर तुम, पेन्सिल कहीं छोड़ आये हो
कितनी गलतियाँ माफ़ हुई हैं, जब से बचपन छोड़ आये हो?

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