दिल को मेरे ये गवारा नहीं, कि तुझसे बिछड़ जाऊं।
चाहे मंज़िल मुझसे पिछड़े या मै मंजिल से पिछड़ जाऊं।।-
मेरी सारी नादानियां, नासमझियां सिर्फ तुमसे है,
बाकी दुनिया के लिए समझदार मैं अब भी हूं
सारे इल्ज़ामों, सवालों से मैं बरी हो चुका पर,
तुमसे आशिक़ी के जुर्म में गिरफ्तार मैं अब भी हूं।-
तुमसे इश्क़ मुझे इस कदर, यूं बेइंतहा हो गया,,,,
सारे जहां के सवालों से बेफिक्र, मैं बेजुबां हो गया-
वादे करना और निभाना हमको आया नहीं
क्योंकि हमने तो पक्का इरादा कर लिया है,
इरादा, तुम्हारी हर जिद के आगे हार जाने का।
इरादा, तुम्हारी हर एक शरारत पर मुस्कुराने का।
इरादा, तुम्हारे रूठने पे हर बार तुम्हें मनाने का।
इरादा, तुम्हारी हर ख्वाहिश को तुमसे मिलाने का।
इरादा, तेरी एक मुस्कुराहट के लिए जान लूटाने का।
इरादा, तुमको हर बार तुमसे ही रूबरू कराने का।
इन इरादों पर जो मैं खरा उतर पाया,,,,,
तो ही काबिल हूं तुमसे दिल मिलाने को,
वरना कसमें वादे तो जरिया है बस दिल लुभाने को।-
जाने कैसी नींद है और जाने कैसे ख्वाब
ना नींद पूरी होती है ,ना पूरे होते ख्वाब।-
आ बैठ संग तुझे एकटक निहार तो लूं,
कुछ हसीं ख्वाब अपनी पलकों में सवार तो लूं।-
और एक बार फिर मस्तियों का चोला उतार,
जिम्मेदारियों का लिबास ओढ़ लिया मैंने,,,,।-