Manishkumar Munna   (mkm)
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screen play writer & Director in tv n films industry
Joined 14 June 2019


screen play writer & Director in tv n films industry
Joined 14 June 2019
12 HOURS AGO

बनकर सुबह का सूरज
रोज़ मुस्कुराता हूं मैं।
छू कर किरणों के कर से,
नींद से जगाता हूं मैं।
महसूस तो करती नहीं,
और कहती हो कि
कभी नहीं आता हूं मैं।

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17 APR AT 20:02

The evening came smiling..
Waving the black hair..
Fluttering the beautiful aanchal..
But you didn't come.. even after
Promise...!

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11 APR AT 22:13

कैसे बताऊं हाल,खुद को भूला दिया हूं 

उनको जब से मैं, दिल में बसा लिया हूं।


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23 FEB AT 22:32

अनुभूति ही सुख और दु:ख है।

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11 FEB AT 12:22

बेटी  बनेगी  दुल्हन, बारात   आने वाली है,
इक नई ज़िंदगी की, शुरुआत होने वाली है।

प्यार से है पाला, बिटिया हमारी लाडली है,
अभी   है  हमारी, अब पराई होने वाली है।

मां ने दिया जनम, पिता ने प्यार से है पाला,
विदा होकर मैके से, ससुराल जाने वाली है।

बदल रही किस्मत, पति संगिनी बनने वाली है।
इक नई ज़िंदगी की, शुरुआत होने वाली है।
mkm

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11 FEB AT 10:06


ये  कैसा सामाजिक दस्तूर है,
नौकर है तो  कोई  हुजूर है।

मानव-मानव सभी तो एक हैं
फिर काहे घृणा- द्वेष-गुरुर है।

ऊंच-नीच का क्यों भेद-भाव है,
मजबूत  तो  कोई    मजबूर है।

जात-पात के जाल-जंजाल में
पास रहकर भी हम सब दूर हैं।

मानव-मानव रहे  एक  समान,
यही प्रेम-प्रकृति का सुरूर है।
mkm

 









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10 FEB AT 8:51

देकर झांसा मेरी उम्मीदों को टहला रहा है,
आजकल वो गरीबों का मसीहा कहला रहा है।

बता दिया जब से मैंने अपनी मजबूरियों को,
धमकी देकर बार-बार दिल को दहला रहा है।

घिर गया हूं कशमकश में, करूं तो क्या करूं,
मेरे ही दर्द से वो दिल अपना बहला रहा है।

छोड़  दूं  संगत उसकी  या  यूं  ही घूंटता रहूं,
कुरेद कर मेरे ज़ख़्मों को, वो सहला रहा है।


mkm

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24 JAN AT 10:00

सुविधा ही दुविधा का कारण है।

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31 DEC 2023 AT 22:51

अद्भुत  है प्रेम कहानी


आंख -मिचौली का खेल दिल को  लुभाता है,

सूरज और चांद  कभी  कभी  नज़र  आता है।


जब  दूर  होते  हैं   तो  हाल   बदल  जाता  है,

जब  पास होते हैं   तो  साल   बदल जाता  है।


कंपकंपाती   सर्द    में   हवाओं   की  रवानी,

नरम  धूप में  निखरती  फिज़ाओं की जवानी।


धूंध   में   झिलमिलाती  मुहब्बत  की नादानी,

दिसंबर - जनवरी की  अद्भुत  है प्रेम कहानी।

mkm



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30 DEC 2023 AT 7:41

जलन क्यों है...

उनको मुझसे जलन क्यों है,
दफ्तर में ऐसी चलन क्यों है!

कर्म   पूजा   है   जीवन   में,
फिर धर्मों का प्रचलन क्यों है!

सम्मान  पूंजी है  मनुष्य की,
फिर अपमान का चलन क्यों है!

अहंकार अच्छा नहीं होता
फिर वहम का प्रचलन क्यों है!

mkm

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