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जब भी हम बाहर जाते है
सहम जाते है
जब हर जगह मातम ही पाते है
सहम जाते है
जब भी लोगो को तरसते पाते है
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बेदर्द की बेदर्दी का सिला ।
शिकायते बढ़ती चली गई ।
उसकी यह बेदर्दी भी कम ना हुई।
शिकायतों का सिला, कभी सही नहीं मिला ।
केवल दुसरो का किया, वो दर्द ही मिला ।
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की हमारे पास सब हो।
सारी मुरादे पूरी करने वाला कोई रब हो
जरूरी है क्या ?
सारी चीजें कठिनाई से ही मिले
झगड़े और लड़ाई से ही मिले
जरूरी है क्या ?
की हर अच्छा इंसान दुखी रहे
और हर बुरा इंसान सुखी रहे
जरूरी है क्या ?
मेहनत की हर बार कदर ना हो
बेमेहनत ही कदर का हकदार बने
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गुरु
हे गुरु , तुझे सत- सत नमन
तेरी शिक्षा मेरा अमन
तेरा स्थान मां से भी श्रेष्ठ
तेरे लिए बनी , ना है कोई भेट
क्या कहूं तेरे लिए तो शब्द भी कम हैं
हे गुरु , तेरा सत- सत नमन है ।🙏
Happy Guru Purnima...
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When Indian relatives
talk about results and job
Then, (inside 👇) every student be like-
हम बेदिमाग और बेशरम पर ।
माना की हम भी बेरहम थे ,
बेहिसाब से बेशरम थे ।
अपनी इस तबाही का कारण भी हम थे ,
जान के भी तुझे अज़ान से हम थे ।
तेरी सुंदर मूरत को ,
हमने बनाई बदसूरत है ।
एक दिन जरूर आयेगा ,
हम चाहेंगे तूझे दिलो - जान से ,
पुजेगे तुझे सम्मान से ।
हर बात तू ये जान कर ,
थोड़ा रहम कर इस इंसान पर ।-
...
तो सब अपने हैं
समझो , तो सारे सपने हैं ।
कहने के लिए ...
तो दर्द भी मीठा हैं ,
महसूस हो तो वो भी तीखा हैं ।
कहने के लिए ...
तो ज़िन्दगी हसीन हैं ,
समझो तो वो भी कठिन हैं ।
कहने के लिए ...
तो सबकी बात में अच्छाई हैं ,
समझ आए तो उसमे भी चिपी कुछ बुराई हैं ।-
बड़ा अलग और नायाब ,
जैसे कोई खुली किताब ,
इसका ना हैं कोई हिसाब ,
अजब सा एक ख़्वाब ,
इसमें दर्द और खुशी बेहिसाब ।-