तुम्हें याद है न??
मुझे गुलमोहर पसंद है ••••
उपन्यास पसंद है
चाय पसंद है
श्रृंगार पसंद है
लेकिन जानते हो??
ये सारे है अब था बन चुके हैं
ज़ब तुम नहीं हो,
मुझे अब ये सब पसंद नहीं है
मुझे अब अकेलापन पसंद है
अकेले रोना पसंद है
तुम्हारी कही हर एक बात को दुहराना पसंद है
तुमसे जुड़े एक छोटे कागज के टुकड़े को संभाल के रखना पसंद है
मेरे आँसू से धुलकर कई के लिखावट मिट चुके हैं
लेकिन मैं फिर भी संभाल कर रखूँगी
उन कागज के टुकड़ों से भी
मुझे तुम्हारे हाथों के स्पर्श का एहसास होता है
-