चुरा लो हर लम्हे का साथ,
जब तक है जी लो जी भर
बार बार न मिलती ये सौगात।
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Manisha Dubey "मुक्ता"
(मनीषा दुबे 'मुक्ता')
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Joined 7 March 2018
26 APR 2023 AT 11:48
17 MAR 2023 AT 0:12
कभी खत्म हुई है क्या ??
एक दिन खत्म हो जाएगा इंसान
तब शायद खत्म हो जाएं
ये ख्वाहिशें भी....!!!-
17 MAR 2023 AT 0:10
क्यूं आँखों में नमी है
ये किसका साथ छूट रहा है
कहीं दिल तो मेरा नहीं टूट रहा है।-
19 JUN 2022 AT 1:55
खुशियों का मोल
जिसने खुद को खर्च किया है
हमारी खुशियों की खातिर।-
19 JUN 2022 AT 1:48
अंदर से दिल है नर्म वो बाहर से सख़्त हैं
दे छांव ताउम्र जो पिता वो दरख़्त हैं ।।-
24 DEC 2021 AT 1:27
हक़ीक़त से दूर
ख़्वाबों के उस शहर में
जहाँ अपनेपन का
दिखावा नहीं होता,
जहाँ रिश्तों का
छलावा नहीं होता ।-