पल भर को भटके थे हम,अब तो सारी उम्र पछताएँगे,
सच कहते हैं दुनिया वाले,दिल टूटेगा जो दिल लगाएँगे।
शुरू-शुरू में बस मेरे थें वो,धीरे-धीरे सबके बनते जाएँगे,
जितना ही यकीं हम करेंगे उन पर,हम उतना ही धोखा खाएँगे।
हम तारीफ़ करेंगे जब-जब उनकी ,वो हर एक बात पर ही शर्माएँगे,
एक दिन, दो दिन, या कुछ दिन में,फ़िर वो बेशरम बन जाएँगे।
हमसे मन बहलाने के लिए वो,पहले हमको बहुत बहलाएंगे,
जब करेगा मन वो करेंगे याद,मिनटों घंटों हमसे करेंगे बात,
फ़िर हमने जो याद किया उनको,तब हमसे नज़र चुराएँगे।
फ़िर मिलना-जुलना वो करेंगे बंद,और अपना असली रंग दिखाएंगे,
उनके लिए तो सब मनोरंजन था,पर टूट के तो हम बिखेर जाएँगे।
तो बेहतर हो, ना ये कल हो,सुकून जीवन में हर पल हो,
तो हम दिल ना किसी से लगाएँगे,बस चैन से जीते जाएँगे।
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