दीपों की सज गई है थाली
रात आ रही तारों वाली
चहुं दिशाओं में है छाई
नई रौशनी नई दिवाली-
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🤠 Theatre Artist
Likes to sing and dance...💗💗
Published Co-author
Of An... read more
तेरे आने का जो
उदघोष हुआ,
संतप्त हृदयों में
संतोष हुआ,
तू खिला पुष्प सा
निर्जन में,
मुख पर कंसों के
रोष हुआ।-
जिसको भी तू चाहे उसमें प्रेम जगा दे
तेरे हो जाते हैं वो जो मन में तुझे बसा दें
रहमत जो तेरी हो 'कान्हा' टूटे फिर जुड़ जाएं
तेरी धुन में बस खो जाऊं वो बंसी मुझे बना दे-
देने वाला भी तू
लेने वाला भी तू
तेरे कदमों में जहां मेरा
है मुझमें बस तू ही तू-
तुम्हें चाहते हैं 'इबादत' की तरह
तुम ही हो 'मुकद्दर' तुम ही हो ख़ुदा-
तू जो फिर सामने आया
नैनों को मेरे सुकून आया
तेरी झलक से रौशन दिन हुए
रातों में भी फिर नूर आया...-
तमन्ना है तुझे पाने की
तेरी धुन में बस खो जाने की
मैं बनकर 'जोगन' रहूं तेरी
कुछ और नहीं अब चाह मेरी-
तुमसे मिलकर 'कान्हा', हम खुद से भी मिल जाते हैं
खो बैठें जब भी खुद को, नैनों में तेरे पा जाते हैं..-
कजरारे कारे नैन तेरे
कारी सूरत मतवारी है
'बंसी-धुन' तेरी सुनकर के
सुध-बुध बिसराई सारी है-
यूं तो सारे जग से मैं जीत जाता हूं 'राधे'
पर हार जाना तुमसे मन को मेरे भाता है...-