Manish Yadav   (Manish yadav)
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Joined 18 July 2019


Joined 18 July 2019
4 FEB 2022 AT 22:38

जरा संभल कर रहना
महीना फरवरी का आया है...
इश्क वालों से बचना
महीना फरवरी का आया है...

प्यारी प्यारी बातों में ओ
पहले तुझे रिझाएगा
एक गुलाब के फूल को देकर
अपना तुझे बनाएगा
गिरगिट सा कुछ रूप बदलके
पास तेरे फिर आयेगा
हुआ शुरू कुछ वादों से ये
जिस्मों पर रुक जाएगा
बचना ऐसे ना फिसलना
महीना फरवरी का आया है...
जरा संभल कर रहना
महीना फरवरी का आया है...

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4 OCT 2021 AT 11:08

जरा संभल कर बोलिए बात, दूर तक जाएगी
बनेंगे फिर तेरे किस्से, वो कितने राज लाएगी
जरा संभल कर बोलिए बात, दूर तक जाएगी

नज़रों को समझिए तो ,बड़ा अच्छा रहेगा
इन आंखों से पढ़िए तो, बड़ा अच्छा रहेगा
खुलेंगे होठ तेरे तो आयेंगी फिर से अफवाहें
इशारों में ही कहिए तो ,बड़ा अच्छा रहेगा
दफ़न तेरी जो यादें थी , फिर से लौट आएगी
जरा संभल कर बोलिए बात, दूर तक जाएगी

सुना है कान होते हैं , इन पत्थर की दीवारों में
छिपें इंसान होते हैं , इन पत्थर की दीवारों में
ना इनमें है कोई एहसाह जो तुझको यू ही समझेंगे
बड़े गुमान होते है , इन पत्थर की दीवारों में
ना समझे इस हकीकत को , तो दुनिया बतलाएगी
जरा संभल कर बोलिए बात, दूर तक जाएगी
- Writer Manish Yadav

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4 OCT 2021 AT 11:03

बड़े ऐब है ना मुझमें , चलो, गिनाओ तो सही
तुम सही मै गलत , फर्क, दिखाओ तो सही
चलो मान लिया इश्क का तजुर्बा है तुमको
ये इश्क क्या है, जरा, हमको बताओ तो सही

छोड़ दूं दुनिया , तुम, रिश्ता निभाओ तो सही
जिंदगी सौंप दूं , तुम , दिल लगाओ तो सही
कहते हो धड़कता है दिल, मेरे ही नाम का
गर ऐसा है तो , मुझे भी सुनाओ तो सही

चेहरे का रंग छोड़ो , रूह में, बसाओ तो सही
कभी मेरे नाम का ,सपना, सजाओ तो सही
हकीकत भी छोड़ दूं उस हसीन सपने के लिए
झूठा ही सही पर, सपने, दिखाओ तो सही
- Writer Manish Yadav

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29 AUG 2021 AT 18:58

ये सोच कर कदम बढ़ते गए,
बस अगले मोड़ पर शुकून मिलेगा...

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26 AUG 2021 AT 13:02

चलें गांव की ओर..
"पगडंडी पर कदम बढ़े है
जैसे कोई बुला रहा
बिछड़ गया था दूर कहीं मैं
जैसे कोई मिला रहा
हो जाऊं मैं उसी जगह का
दिखे जहां पर भोर...
चलें गांव की ओर.....
"वहां तरुवर की झुकी डालियां
थपकी देकर सुला रहीं
मदमस्त मगन होकर कोयल
अपनी लोरी भी सुना रहीं
मोरों के संग संग नृत्य करूं
चिड़ियों के संग में शोर
चलें गांव की ओर......
"पाने की कुछ ख्वाहिश लेकर
मैं शहरों में आया था
भर गई थी मेरी जेबें पर
खाली सा मैं पाया था
मिले उस मिट्टी की खुशबू
चाहत ना कुछ और
चलें गांव की ओर...…....
-Writer Manish Yadav

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31 DEC 2020 AT 14:56

*अलविदा 2020*
2020 तू इतना भी बुरा नहीं
जितना लोग समझें..
शायद तुझे उस वक्त ने भेजा था
अपना खास बनाकर..
तूने ही तो कहा कि,
तू बस इंसान है भगवान नहीं..
लोग खोए थे अपनी दुनिया में
ज़िद थी बस,
ना जाने क्या पाने की
ना जाने क्या दिखाने की
तू आया तो कुछ लेके आया था
तेरे साथ यादें थी, झुझती रातें थी
नम आंखे भी थीं , अनकही बातें थी,
दे गया ऐसी यादें भूल ना सकें
शायद तू सबक था हम हमसब के किए की....
Writer Manish Yadav

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31 DEC 2020 AT 13:51

सुनिए ना ;
जब मेरे जीने की वजह बन ही गए,
तो मेरी जिंदगी को सलामत रखना......
-Writer Manish Yadav✍🏻

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22 DEC 2020 AT 18:49

शिकायत नहीं किसी से अब मुझे,
कुछ ना कुछ तो सबने दिया ..
Writer Manish Yadav

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13 DEC 2020 AT 18:04

अधूरे कर दिए लोग मुझे,
अपना अपना हिस्सा लेने में...✍️
- Writer Manish Yadav

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9 NOV 2020 AT 18:37

जो भी हुआ, ठीक ही हुआ, उनसे क्या शिकवा,
जो बेवक्त आते है वक्त पर चले जाते है
- Writer Manish Yadav

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