क्यूंकि तुम कीचड़ में ढेला फेंक रहे थे
फूल लगाना शुरू कर दो
जीवन महक ना जाए तो कहना-
गिरने दो, संभलने दो मुझको
लिखने दो मुझको, पढ़ने दो मुझको
सच के खातिर लड़ने ... read more
पता नहीं क्यूं अब
कुछ लिखने का मन नहीं करता
मन बांवरा बहुत अजीब है
कभी दिल के पास रहने खातिर धड़कता है
तो कभी दिल के पास होने पर भी नहीं धड़कता-
अगर खुद को, लिखा पढ़ा समझता है
तो कुछ अच्छा लिखना सीख
नहीं तो समाज में
गंदगी परोसने से
लाखों गुना अच्छा है
सड़क पर मांग ले भीख
हर किसी से उम्मीद नहीं
कि लिख सके रामायण और गीता
पर गाली गलौज तो मत ही लिख
सकल मिलती है हर औलाद कि अपने पुरखों से
अक्ल लगा सकता है तो लगा अभी भी समय है
अलग थलग विदूषक की तरह
समाज में यहां वहां मत दिख
अगर खुद को लिखा पढ़ा समझता है
तो कुछ अच्छा लिख-
तुम जो कुछ भी दिख रहे हो वो तो सब कुछ तुम्हारे मां-बाप की नेमतों का फल है, तुम्हारे कर्मों का फल तो तुम्हारे बच्चे भोगने वाले हैं।
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माया और स्वार्थ का प्रभाव इतना प्रबल है कि इनके वशीभूत होने पर इंसान को सामने खड़ा हर व्यक्ति अंधा और पूरी दुनियां डरपोक और बेवकूफ नज़र आती है।
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Life's s not just like reels & memes, it's planning of long journey for which you have to paid full time and dedication towards your goal.
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तो सिर्फ और सिर्फ खुद को
दूसरों को समझाने में
सभी को महारथ हासिल है-
शोसल मीडिया पर एक चीज अच्छी है
न्याय मिले ना मिले
जवाब सबको मिलता है-
करवा चौथ का चांद पता नहीं दिखाई दिया या नहीं लेकिन तरह तरह के टेढ़े मेढे डेंटिंग पेंटिंग चांद शोसल मीडिया पर खूब दिखाई दे रहे हैं......
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