Manish Singhaniaa   (चायबाज_Accountant)
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हम BiO वाले नही Commerce वाले है।
Joined 4 March 2019


हम BiO वाले नही Commerce वाले है।
Joined 4 March 2019
24 MAR AT 19:54

पुरुषों के पास मायका नहीं होता,
ना कोई ऐसा आँगन,
जहाँ वे निःसंकोच लौट सकें,
जहाँ कोई माथा चूमकर कहे-
"थक गए हो न..? थोड़ा आराम कर लो..."

वे चलते रहते हैं निरंतर, एक पुत्र,
एक पति, एक पिता बनकर,
अपने कंधों पर जिम्मेदारियों का बोझ लिए,
पर कभी खुद के लिए ठहर नहीं पाते.

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16 JAN AT 17:11

पुरुष जाति की सबसे कठोर अंग उसकी
आँखें हैं.,जो शमशान से रुद्रण बिना लौट
आये किंतु प्रेमिकाओं के विरह में बह पड़े..!

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22 DEC 2024 AT 22:25

मेरी वो रजाई ओढा दो...
जरा सुखी लकड़ियों में
आग लगा दो...
एक पैग रम की सजा दो...
और जरा जगजीत सिंह की
वो गजल फिर से लगा दो..!

🥃
#CheersToTheSeason

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18 JUL 2021 AT 16:10

पेट्रोल पंप वाला:- भैया ज़ीरो देख लो.
मैं:- नहीं, मुझसे उधर नहीं देखा जाएगा.
#106

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19 MAR 2021 AT 22:52

बेपनाह चाहने से लेकर...
बेपरवाह हो जाने तक का सफ़र ही इश्क़ हैं।

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14 MAR 2021 AT 22:55

जिद जीत की हो तो,
घाव मायने नहीं रखते।

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17 FEB 2021 AT 17:53

चाय को हिंदी में
दुग्ध-जल मिश्रित शर्करा युक्त
पर्वतीय बूटी कहते है..|

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1 FEB 2021 AT 17:13

मैंने तो बजट पर ज्ञान देना
उसी दिन बंद कर दिया..,

जिस दिन मुझे पता चला कि
बजट की स्पेलिंग Bajat
नहीं बल्कि #Budget है।

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22 JAN 2021 AT 23:15

'इश्क़' में इत्मिनान
होना चाहिए,
बेक़रारी के साथ.!

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17 JAN 2021 AT 16:41

बड़ी फुरसत मे है आज हम तीनों,
ये चाय, इतवार, और मैं..!

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