कहने को अब मजबूरी है
कुछ रिश्ते अब ग़ैर-ज़रूरी है।
उनसे बनानी अब दूरी है
कुछ रिश्ते अब ग़ैर-ज़रूरी है।
चेहरे पे बनावटी अच्छाई है
पर दिल में उनके नीयत बुरी है।
ये झूठे रिश्ते अब सिर्फ नाम के है
इनको निभाना अब ग़ैर-ज़रूरी है।
कहने को अब मजबूरी है
कुछ रिश्ते अब ग़ैर-ज़रूरी है।-
कई बार हमारी ख्वाइशों ने दम तोड़ दिया
अब तो हमनें भी शायद इसका गम छोड़ दिया
ज़रा सा मांगा था कुछ इस ज़िंदगी से
पर बदले में इसने कुछ और दिया।-
छोटा कद पर कीर्ति विशाल
ओ भारत मां के सच्चे सपूत
ओ धरती पुत्र गुदड़ी के लाल
महान हस्ती श्री लाल बहादुर शास्त्री जी
आपको आपकी जयंती पर मेरा सत सत नमन 🙏-
मुसीबतों ने किया फिर करारा प्रहार है
पर मैंने भी अब तक नहीं मानी हार है
करेंगे खुल कर हर मुसीबतों का सामना
अब तो ये जंग इस पार या उस पार है।-
मैं ये सोच कर अचंभित हूं की वे लोग जिनके मन में दूसरों के प्रति कोई दया या करुणा का भाव नहीं हैं, उन्हें रात को सुकून की नींद कैसे आ जाती हैं? 🤔🙅🏼♂️❌
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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के इस मंगल और दिव्य अवसर पर यही कामना करता हूं की विश्व की सभी महिलाएं सुखी और संपन्न रहे ताकि इस विश्व का कल्याण हो और समाज उन्नति की ओर अग्रसर हो 🙏
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ना है वो अबला
ना है वो बेचारी
विपदा आने पर
वो है सब पर भारी
वो है कुदरत की
कृति सबसे प्यारी
उस दिव्य शक्ति को
मेरा सत सत नमन
मैं हूं नारी शक्ति का
बहुत बहुत आभारी🙏-
उनके हर बातों में दुनिया का ज़िक्र है
उनके हर जज्बातों में दुनिया की फ़िक्र है
न जाने हमसे क्या ऐसी खता हो गई
कि उन्होंने अपनी हर बातों से और
अपने हर जज्बातों से सिर्फ एक
हमें ही अलाहदा कर दिया।
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प्यास तो बहुत थी मगर
फिर भी छू ना सका पानी को
सामने नदिया बहती रही मगर
तरस गया बूंद बूंद पानी को
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हाय रे! ये कम्बख़्त
"Social Distancing" का बंधन
पहले उनसे नज़रें नहीं मिला पाते थे
और अब जब नज़रें मिली तो
उनसे हाथ नहीं मिला पाते है।-