You feel lonely not when no one cares about you, but when someone you expect to care doesn't care about you at all.
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किसी के दोस्त बनना तो पूरा बनना,
हो जो कृष्ण से सक्षम तुम तो
सुदामा जैसों की मदद करना..
कभी जो तुम हो जाओ सुदामा से
तो भी कृष्ण जैसे दोस्त से उम्मीद रखना,
ढूंढना कर्ण जैसा भी एक जो हर हाल साथ हो,
असमंजस हो अर्जुन सी, तो कृष्ण जैसा कोई पास हो।
वक्त अच्छा बुरा चलता रहेगा
यार वही जो हर हाल साथ रहेगा,
वो कम मैं ज्यादा इस हिसाब–किताब में
सब जला बैठोगे इस शेखी की आग में।-
कुछ चुनिंदा ही है
जो इंसान को इंसान समझते है,
वर्ना समझदार लोग मिलते ही...
लोगों से उनका धर्म–जात पूछते है।
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दुनियां हर मोड़ पर तुम्हें नीचा दिखाएगी,
तुम भी अपनी जेब में शीशा रखना...।।।-
हम सब की जिंदगी एक कहानी है, दूसरे हमारी कहानी के किरदार है और किसी और की कहानी का किरदार है हम। हर बात हर घटना जो हम जीते है कुछ भी बेवजह नहीं होता, कुछ सवालों के जवाब जल्दी मिल जाते है कुछ के देर से पर मिलते जरूर है। कुछ लोग आपकी कहानी में कम समय के लिए होते है पर बहुत कुछ सीखा जाते है, किरदार छोटा हो या बड़ा उसे सिद्धत से निभाओ उसमे मिलावट न हो।
अपने मन में किसी दूसरे के लिए मैल रखकर, उसके सामने अच्छा बनने का क्या फ़ायदा ?? जो भावना आपको अपनी सच्चाई छुपाने पर मजबूर करे वो कैसे सही हो सकती है। दूसरों को जानबूझ कर दी गई परेशानी पाप से कम नहीं होती और दूसरों को बिना फायदे को मदद सुकून से कम नहीं। अपना किया अच्छा बुरा सब जानते है, किसी और को दिखाने के लिए खुद के लिए बेहतर बनो। आप हर कहानी में हीरो नहीं हो सकते, तो कोशिश करो दूसरों की कहानी में अपना किरदार यादगार बनाना।-
नया साल आपके लिए अच्छे अनुभव लेकर आये।
जो बिता वो कल था
अब जो आएगा उसकी तैयारी करें, वक़्त किसी के लिए नहीं रुकता तो हम क्यों किसी भी एक कारण के लिए किसी मोड़ पर रुक जाये। एक साल गया एक आ रहा है किसी के लिए सिर्फ एक कैलंडर होगा मेरे लिए एक अनुभव है, जिंदगी में कुछ भी बेवजह नहीं होता पर इसका मतलब ये नहीं के जिन चीजों की वजह नही मिल रही उनके लिए हम परेशान हो। हर चीज़ का एक सही समय होता है, किसी को बिना परखे मत आंको हर किसी को मौका दो क्योंकि कुछ चीज़ों की अहमियत उसे खोने के बाद पता चलती है।
जिंदगी में सब करो नये लोगो से मिलो नयी चीज़े करो अपने डर को आजमाओ, ख्वाइशों की लिस्ट बनाओ और खुद को वक़्त दो और लग जाओ एक एक करके उन्हें पूरा करने में। गलतियां करो उसे सिख मिलेगी बस हर गलती दोहराना मत, बाकि अपनी काबिलियत पर भरोसा रखना। वक्त बदलता है वो उसकी फितरत है भले ही वो अच्छा हो या बुरा, ये खुशी और परेशानियों का चक्र जीवन भर चलता रहे तो आप हालातों के साथ बढ़ते रहे न घमंड रखे न मलाल... क्यूंकि चलते रहने का नाम ही जिंदगी है।
अपना और अपनों का ख्याल रखे 🙌
धन्यवाद-
कुछ लोग दूसरों को सिर्फ उनके धन से समृद्ध मानते है, और बाकी सब चीजों को उतना मूल्यवान नहीं समझते। उन्हें ये समझ नहीं आता जीवन में उम्र के साथ साथ बढ़ता आपका अनुभव, आपके साथ जुड़े आपके दोस्त शुभचिंतक, आपका लोगों और समाज में सम्मान, आपका किया अच्छा बुरा ये सब आपका एक व्यक्तित्व बनाता है। ये बात में दावे से कह सकता हूं, आप लोगों को उनकी संपत्ति से नहीं उनके व्यक्तित्व से याद रखते है।
तो संतुलन बनाए रखे, पैसा कमाओ अपनी कामयाबी के लिए लगे रहें पर उस कामयाबी का जश्न मनाने के लिए भी अपने उन चुनिंदा अपनों को साथ लेकर चलो। आपके जीवन में एक समय पर आकर संतुष्टि का भाव जरूरी हो जाता है, आप कौनसी घड़ी पहनते है इसे अधिक ये जरूरी है आप अपना समय कैसे बिताते है। बिता हुवा कोई बदल नहीं सकता, आने वाला वक्त किसी को नहीं पता कैसा होगा आपके साथ है तो सिर्फ़ आपका वर्तमान।
पैसों के साथ यादें भी बनाओ, वक्त खर्च करके कुछ लोग भी कमाओ। जिसने जीवन में कभी भी आपको कुछ सिखाया, बुरे वक्त में हिम्मत या मदद की उनका आभार देते रहे और आप अगर सक्षम है तो दूसरों को बेहतर करने में उनकी मदद करें क्यूंकि जीवन किसका कितना है ये कोई नहीं जानता...-
आजकल रफ़्तार से गुजरते वक़्त से साथ लोगों में फ्रस्ट्रेशन भी बढ़ रहा है, हर कोई परेशान है कुछ आने वाले कल से तो कुछ बीते कल को लेकर। सभी के जीवन में अच्छे बुरे दोनों अनुभव होते है, पर हम याद बुरे रखते है और उन्हें ही याद कर बुरा महसूस करते है। हर कोई सकारात्मक होने का सिर्फ़ दावा करते है, अंदर ही अंदर चिंता से घिरे रहते है। पर ये कितना सही है ??? आप एक ही चीज़ के अगर दो बार उस उत्साह से खुश नहीं हो सकते, तो एक ही बात के लिए खुद को कई बार दुखी क्यों करते है??
जिंदगी में उतार चढ़ाव आते रहगे उससे आप भाग नहीं सकते, पर एक चीज़ है जो आप कर सकते है इस दौड़ भाग में अपना सुकून ढूंढ सकते है। बहुत आसान है बस उसे समझने की ज़रूरत है, सुकून वो है जो काम करके आपके दिल को तसल्ली मिलती है। बस उन कामों में वो भाव ढूंढिए जो आपको सुकून दे, जैसे संगीत.... हर किसी के पास अपने पसंदीदा गानों की प्लेलिस्ट होती है। ज़रा आंखे बन्द करके सोचिए बारिश का मौसम आप पहाड़ों के सफ़र में, खिड़की वाली सीट पर कानों में हेडफोन और गाना "रिम झिम गिरे सावन" बस यही तो सुकून है।
तो जिंदगी को थोड़ा धीमा कीजिए और अपने सुकून को पहचान कर महसूस करें....-
"ऐसी बानी बोलिए,मन का आपा खोय |
औरन को शीतल करे, आपहु शीतल होय |"
ये बचपन में सबने पढ़ा होगा, पर आजतक कोई इसे सच में अपना पाया है?? सबके पास दूसरों को देने के लिए हज़ार सुझाव है, पर ख़ुद के लिए वो कितने लागू होते है यही समझने कि बात है। सब एक अच्छी जिंदगी चाहते है अपनी औकात को हैसियत में बदलने में जुटे है, पर आपका बर्ताव-बोली आपका मूल्य दर्शा देती है। आप जिस तरह से लोगों के साथ व्यवहार करते है, उससे आपकी परवरिश और आपका व्यक्तित्व उजागर हो जाता है।
कोई नहीं चाहता कि कोई उससे धुत्कारे या बात बात पर नीचा दिखाए, हमेशा याद रखिए दूसरों को हमेशा वैसे ही मिले बोले जैसे आप दूसरों से उम्मीद करते है। बड़े बूढ़े कह गए है "तलवार का घाव एक बार को भर सकता है, पर बोली का घाव कभी नहीं भरता", फिर चाहे वो गुस्से में बोले गए शब्द हो या किसी को जानबूझ कर आहत करने की मंशा।
अगर कभी मौका मिले तो अपनी दादी नानी या किसी भी बूढ़े इंसान के साथ बात करने की कोशिश करना, वो हमेशा आपको प्यार से बात करते हुवे मिलेंगे क्यूंकि वो जीवन के सारे अनुभव कर चुके है। आपके बोली गई अच्छी बात क्या पता किसी की हिम्मत बन जाए, वहीं किसी का मज़ाक बना कर आप शायद किसी को डरपोक बना सकते है।-
आपका दुख हमेशा तुलना करने से आता हैं। इसी बात को थोड़ा आगे बढ़ा कर आप तक बताने का प्रयास हैं, आजकल ये तो सब जानते हैं की आपको हर बात पर एक तराज़ू में तोला जाता हैं। अब वो बराबरी आपके परिवार वाले आपके साथ करे या आप खुद अपने मन के साथ , शर्मा जी का लड़का इतने मार्क्स लाया... उसके पास वो वाला फोन मेरे पास ये... उसकी जिंदगी तो मौज में कट रही है हमारी ही सही नहीं जा रही और आखिर में सबकी एक ही सोच अपनी तो किस्मत ही खराब हैं।
आपका ये सोचना शायद आपके अंदर ही एक हीन भावना भर दे, आइए इसे एक उदाहरण से समझे आप सबके घर में दूध आता हैं। उसी दूध से घी दही मक्खन खोया पनीर सब बनता हैं पर सबकी बनने की विधि और समय अलग अलग हैं, पर आप ये सोचे की दूसरे के घर में इस दूध से घी बन रहा हैं पर मेरे घर में क्यू नहीं बन रहा ??? तो दोस्त दुख और कमी बाकी जगह नहीं आपके अंदर ही हैं। दो लाइनें इसी बात के लिए
"दूसरों के महलों को देख , मैं अपनी झोपड़ी को कोसता रहा..
धूल मेरी आँखों पर थी और मैं आई-ना पोंछता रहा "-