सब मुझे अपने हिसाब से चाहें
जिसके मन का न हो वहीं मुंह बनाए,
कोई न समझे हालत मेरे...
पर सब अपनी समझाना चाहे।
सबको संभालने को यहां
ख़ुद का संतुलन बिगाड़े बैठे है,
सब कुछ तो गिरवी पड़ा है
इस जिम्मेदारियों के बाज़ार में...
फिर भी लोग हिसाब मांगते रहते है।
कभी कभी ख़ुद पर ही तरस आता है
हर कोई मुझसे ही क्यों इतना चाहता है??
मैं भी तो कुछ उम्मीद कर ही सकता हूं
प्यार से कोई बात करले यहीं ख्वाइश रखता हूं,
लोग अपने हिस्से का सही करने में लगे है
दुनियां में सब यहां कामयाबी के ही सगे है।
:-मनीष पुंडीर-
कभी भी आप जहां हो वहां पूरी तरह रहो, भले वो कोई रिश्ता हो, किसी नौकरी की बात हो या कोई भी ऐसी जगह जहां आपका योगदान चाइए। अपने आपको उस असमंजस की स्थिति में मत रखना के आप संदेह में हो, किसी को अपनी कमिटमेंट देने से पहले अगर आप पूरी तरह आश्वस्त नहीं है। तो जब तक वो बात शायद, लेकिन, पता नहीं जैसे विचारों से उठ कर किसी एक हां या ना के ठोस निर्णय पर नहीं पहुंच जाते तब तक किसी बात की हामी न भरे।
एक बार जब आप अपने मन में पूरी सोच विचार के साथ आप अपना योगदान देने को राज़ी हो, तो फ़िर उसने मिलावट न हो क्योंकि उससे न आप अपना शत प्रतिशत दे पाएंगे न ही आपका लिया वो फ़ैसला आपके लिए सही साबित होगा। सबके जीवन में बहुत सारी चीज़ें एक साथ चल रही है, पर अपको इतना समझना होगा के आपस में वो एक दूसरे में हस्तक्षेप न करें...-
इंसान को सबके साथ सच्चा होना चाइए,
फ़िर चाहे वो बात आपके हित में हो या न हो क्योंकि किसी दबाव या संकोच में अगर आप झूठ कह कर किसी को गलत आशा दे रहे है तो वो बहुत बूरा है। अपको न बोलना भी आना चाइए ताकि आप दूसरों के लिए आप तक उनकी सीमाएं निर्धारित कर सके, कई बार ख़ुद के ऊपर ज़रूरत से ज्यादा उम्मीदों का बोझ भी अपको अवसाद के अंधकार में धकेल सकता है। तो दूसरों के लिए जो भी कर सकते है करें परन्तु उसकी कीमत आपकी हानि नहीं होनी चाइए, अच्छे बुरे लोगों के नज़रिए होते है आप ख़ुद की नजरों में सही रहे ये बात जिंदगी में अपना कर देखिए थोड़ा ही सही जीवन पहले से सुलझा लगेगा।-
जिंदगी में संघर्ष बहुत है, पर उनसे मुंह मोड़ लेना कोई बहादुरी नहीं है। आप अगर किसी लक्ष्य को तय करते हों तो एक बात ध्यान रहे वो आपके लिए और आप उस लक्ष्य के लिए लायक होने चाइए, अगर वो लक्ष्य आपसे आपका बेहतर रूप मांगता है। जो के आप अभी नहीं है तो आपको उसे हासिल करने के लिए बेहतर होना ही पड़ेगा, वरना आप कभी उसे हासिल नहीं कर पाएंगे।
थोड़ा इस बात पर भी ध्यान दे आप बेहतर तब नहीं बनते जब कोई अपको किसी कार्य करने के लिए उकसाता है और आप अपनी सारी ऊर्जा उसे पूरा करने में लगा देते है। उस संदर्भ में आप अपना नहीं बल्कि सामने वाले का कहा कर रहे है, आप में इतना अनुशासन होना चाइए के आप खुद को बेहतर करने के लिया कार्य करे न की किसी को कुछ साबित करने के लिए। ना कहना भी अपने आप में एक कला है जो आपको अपने फैसले लेने के लिए सक्षम बनाती है, तो अपनी कमियों पर निरंतर सुधार करें और अपने लक्ष्य पर केंद्रित रहे।-
जितना मां के लिए स्टैट्स लगा के खुश हो,
उतना मां को खुश रखने पर ध्यान दो
जिसने दुनियां में लाने के लिए,
तुम्हें ख़ुद नो महीने अपने अन्दर रखा
उनसे प्यार जताने के लिए,
तुमने सिर्फ़ एक दिन चुन लिया.
मां साथ है तो हर दिन ख़ास है।-
नींद सबको आती है,
पर सब चैन से सो नहीं पाते
आंसू हर आंख में दबे होते,
बस कुछ उन्हें रो नहीं पाते...-
वक्त लगता है पर,
अंत हमेशा अच्छा होता है...
किसी को फिर भी शिकायतें होती है
तो कोई संतुष्टि करना सीख जाता है।-
जीवन में किसी भी स्थान या परिस्थिति में
ये मन में आए के मेरे बगैर तो काम चलेगा ही नहीं, तो ध्यान रखे आपसे बेहतर उस काम को करने वाले बैठे है बस उन्हें वो मौका नहीं मिला जो आपको मिला है। जो जीवन में सभी तभी आपकी कदर करेंगे जब आप भी उसी तरह का आदर भाव उनके लिए रखोगे।-
ख़ुद को सही कहते रहना
दूसरों को गलत साबित नहीं करता,
जो तेरे पास है उसकी कदर ही नहीं
बस औरों को देख कर हमेशा जलता।
हर इंसान में गाली भी है और है सम्मान भी
वो आप पर है आप क्या निकलवा सकते हो,
अजीब सी चीड़ है जाने किस बात की ???
न औरों से खुश और ख़ुद से भी नाराज़गी रखते हो।
ख़ुद को बनाना चाहते किसी और सा
न इधर हो न उधर पहुंचे, हो बीच में कही..
इंसान ही तो हो गलती मान कर सही करलो
ज़रूरी नहीं हर बार तुम हो हमेशा सही...-