Manish Mishra   (MokshaGuru-Manish Mishra)
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Cogito ergo sum
Joined 7 February 2017


Cogito ergo sum
Joined 7 February 2017
28 MAR AT 9:14

जब दो प्यार करने वाले लोगों के बीच भावना ईगो में बदलने लगे, जज़्बात खीज और गुस्से में तब्दील होने लगे तो समझ जाओ कि कुछ तो है जो चुक रहा है, कुछ तो है जो नजर नहीं आ रहा। और जब आप उसकी गहराई में जाओगे तो पता चलेगा कि दो प्यार करने वाले इंसान में से किसी एक ने वहम को हकीकत और अपने डर को सवाल बना दिया। सच्चा प्यार हमेशा शाश्वत होता है, अमर होता है , ये तो महज आपके अंदर का डर, बेवजह गुस्सा और इन सबसे ऊपर आपका अहम आपसे आपका सुकून छीन लेता है और आप फिर भी स्वीकारते नहीं,झुकते नहीं क्योंकि उस वक्त आपके लिए आपका प्यार, आपके दिल का टुकड़ा जिसके लिए आप अपना कुछ भी न्योछावर कर सकते थे लेकिन अब आपका वहम उसे एक मुजरिम कि तरह देखता है, आप उसे तौलते हैं हर वक्त। जिन बातों पर कभी खुल कर हंसते थे ,उनपर अब गुस्सा आता है।
अगर ऐसा है ,कुछ ऐसा ही आप महसूस कर रहे हैं तो शांत जो जाइए, अपनी आंखे बंद करिए और फिर प्यार से अपने प्यार के बारे में सोचिए , वो वहीं है , आपके पास। वो कहीं और नहीं है, वो सिर्फ आपका है । अपने बेवजह के डर , वहम और ईगो को लगाम दीजिए और उसे अपनी बाहों में भर लीजिए।
यकीन मानिए वो भी बहुत तड़प रहा है आपके प्यार भरी एक नजर देखने के लिए....आपके आगोश में समा जाने के लिए.....

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5 AUG 2023 AT 9:16

मेरे अभिष्ठ,जब शोर मन में है
दिल में शांति कहां से ला पाओगे
कर्ता भी तुम हो, कर्म भी तुम और उसका प्रतिफल भी तुम ही हो
सबकुछ ज्ञात है तुम्हें
फिर क्यों नाहक मंदिर जाकर
ढेरों शिकायतें करते हो
अपने प्रार्थना पूरी न होने की
क्यों चाहते हो सबकुछ जादू की
तरह अच्छा हो जाए
कर्म का प्रतिफल उसे भी तो स्वीकारना होगा
मैं तुममें भी हूं,हर जीव हर कण में हूं
मैं सिर्फ देखता हूं, साक्षी रहता हूं
तेरे हर अच्छे बुरे कर्म का
तेरी अंतरात्मा में मेरी आवाज तुझे रोकती भी है
हर बुरे सोच और कर्म करने से पहले
लेकिन झूठ, फरेब,ईर्ष्या, द्वेष और कपट से तुमने इतना शोर कर लिया है
कि मेरी आवाज तुम तक पहुंचती ही नहीं
गाहे बेगाहे पहुंच भी गई तो
तुम उसे ताक पर रख देते हो
तुम्हें अच्छे समय की तलाश है
और हर समय ही अच्छा है ये समझ नहीं पाते
वो फिसल रहा है रेत की मानिंद
जग जाओ, संभल जाओ
इससे पहले की बहुत देर न हो जाए
मार्ग प्रायश्चित का सदैव खुला है
बस तुम्हारी पहल का इंतजार है !

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16 JUN 2023 AT 8:26

जीवन का हर सबक सिखाया तुमने
जीवन की पहली पाठशाला तुम्हीं तो थी मां
बस एक ही सबक तुमने मुझे सिखाया नहीं
तेरे बगैर आखिर रहा कैसे जाता है ???
काश ! ये सबक भी सीखा दिया होता

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13 JUN 2023 AT 9:02

जिंदगी एक घड़ी है और जितने इंसान उतनी घड़ियां , फर्क बस इतना है कि आप अपनी कलाई में बंधी हुई घड़ी का समय तो देख सकते हैं लेकिन वो कब थमेगी ये नहीं जान सकते।
पर इंसान की फितरत कहां मानती है, उसे लगता है जैसे उसे सबकुछ पता है, हर समय उसे लगता है कि वो जो चाहता है उसे हासिल कर सकता है, वो वक्त को नियंत्रित कर सकता है,
लेकिन अफसोस !ऐसा होता नहीं उसकी बेवजह की दौड़ जब थमती है तब उसे पता चलता है कि उसके इर्द गिर्द जो लोग उसके प्रिय हैं,उनका वक्त खत्म हो चुका है, उनकी घड़ी थम चुकी है...
समय को बांधने,समय को पकड़ने की कोशिश व्यर्थ भी है और हास्यप्रद भी।जिंदगी के हर पल को अंतिम पल समझकर जीने की आदत डालें क्योंकि घड़ी पर आपका नियंत्रण नहीं है , सही समय और अच्छे समय का इंतजार बेकार है, समय शाश्वत है, सही गलत से परे।याद रहे जो पल भी गुजरेगा,वो अब वापिस नहीं लौटने वाला, सिर्फ सांसों के स्पंदन से जिंदगी को मत जीने की कोशिश करें, उसे साक्षी भाव के साथ जीएं बिना किसी मोह माया के।आपके मुट्ठी से सरकता हर रेत समय है,आपके पास समय है ये आपका मोह और आप समय को नियंत्रित कर सकते हैं यही माया है...इसी माया का दूसरा नाम जीवन है।जीवन को पलों में जीने की आदत डाल लें तो शायद जिंदगी से कोई गिला शिकवा नहीं रहेगी....

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5 APR 2023 AT 16:26

being with you in your mushy thoughts ...

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8 MAR 2023 AT 11:53

हर रिश्तों का एक रंग होता है
और दोस्ती का रंग सबसे जुदा
वो उभरता भी है, निखरता भी है
लेकिन मिटता कभी नहीं
अपने उसी खास रंग की दोस्ती
के लिए आपका शुक्रिया...
होली की ढेर सारी बधाई मेरे दोस्त...

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7 MAR 2023 AT 15:39

मेरे प्रिय,
मेरे सफेद स्याह जिंदगी में
एक खुशमिजाज एहसास और रंग भरने का दिल से शुक्रिया।

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24 FEB 2023 AT 21:09

तुम कहते हो
इंसान से मोहब्बत होने से
कहीं ज्यादा बड़ी बात उसकी आदत होना है
सही कहा है तुमने
लेकिन वो इंसान क्या ही करे
जिसकी मोहब्बत ही उसकी आदत हो गई हो
उसका प्यार ही खुदा बन गया हो
और उसकी इबादत जीने की वजह
उसका प्यार उसकी आदत में शुमार है
वो सांसों की तरह है, मद्धम ही सही चलती रहती है
हर पल, हर वक्त , अनवरत
कभी महसूस करके तो देखो मेरे प्रिय...

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23 FEB 2023 AT 22:48

जिसे तुम पाना कहते हो
वो बस एक मोह है
पानी का बुलबुला है
जो उभरते के साथ मिट जाता है
पाना तो तभी संभव है
जब तुम खोने के डर से
खुद को मुक्त कर लो
और हर डोर से खुद को आजाद
पक्षियों की जगह पिंजड़े में नहीं
खुले आकाश में है
तुम्हारा मोह भी पिंजड़े में कैद है
जब तक उसे मुक्त न कर दोगे
तुम्हारी आत्मा भी उसी पिंजड़े में कैद रहेगी
मोह,माया, राग,द्वेष से मुक्ति के बिना
भला तुम कुछ क्या पा ही सकोगे?

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23 FEB 2023 AT 22:47

जिसे तुम पाना कहते हो
वो बस एक मोह है
पानी का बुलबुला है
जो उभरते के साथ मिट जाता है
पाना तो तभी संभव है
जब तुम खोने के डर से
खुद को मुक्त कर लो
और हर डोर से खुद को आजाद
पक्षियों की जगह पिंजड़े में नहीं
खुले आकाश में है
तुम्हारा मोह भी पिंजड़े में कैद है
जब तक उसे मुक्त न कर दोगे
तुम्हारी आत्मा भी उसी पिंजड़े में कैद रहेगी
मोह,माया, राग,द्वेष से मुक्ति के बिना
भला तुम कुछ क्या पा ही सकोगे?

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