इस होली रंग गुलाल का कुछ फीका हो गया जाने से उसके जीवन बंजर सा हो गया अब चाहे जितने भीगा लूं खुद को किसी रंग में पर अफसोस जो मेरा था वो किसी और का हो गया
करे थे जो वादे वो उनको भी तोड़ तोड़ रहे है आई है मुश्किल घड़ी तो वो साथ छोड़ रहे है अब तो हरकतें भी बयां करने लगी है उनकी कि हमारा साथ छोड़ वो और किसी और से रिश्ता जोड़ रहे है