जो इनसान पहले से मर गया हो ।
उसे आप क्या एहसास दिलाओगे
कि मरे हुए का दर्द क्या होता है ।।
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अपने जज़्बात दफ़न किए बैठे हैं.
दिल के अरमान छुपाए बैठे हैं.
थक गये हैं अपनी इस ज़िंदगी से.
अब मौत का इंतेज़ार किए बैठे हैं.-
वो बात क्या करें जिसकी कोई खबर ना हो।
वो दुआ क्या करें जिसका कोई असर ना हो।
कैसे कह दे कि लग जाय हमारी उमर आपको।
क्या पता अगले पल हमारी उमर ना हो।-
आपकी एक आवाज़ सुन
ने को तरसता हे दिल,
हर पल जुदाई मे तड़प्ता हे दिल,
ना जाने कब नज़र के सामने आएगे वो
इस उम्मीद पे हर पल धड़कता हे दिल.-
कोई वादा ना कर,
कोई ईरादा ना कर,
ख्वाइशों मे खुद
को आधा ना कर,
ये देगी उतना ही
जितना लिख दिया
खुदा ने,
इस तकदीर से उम्मीद
ज़्यादा ना कर… !!-
सिर्फ इशारों में होती
महोब्बत अगर,
इन अलफाजों को
खुबसूरती कौन देता?
बस पत्थर बन
के रह जाता ‘ताज महल’
अगर इश्क इसे अपनी
पहचान ना देता!
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प्यार किया
बदनाम हो गए,
चर्चे हमारे सरेआम
हो गए,
ज़ालिम ने दिल उस
वक़्त तोडा,
जब हम उसके गुलाम
हो गए !-
जब आपका नाम
ज़ुबान पर आता है,
पता नही दिल क्यों
मुस्कुराता है,
तसल्ली होती है
हमारे दिल को,
कि चलो कोई तो है
अपना, जो हर वक़्त
याद आता है.-
प्यार करो तो
हमेशा मुस्करा के
किसी को धोखा
ना दो अपना बना के
कर लो याद जब
तक हम ज़िंदा हैं
फिर ना कहना कि चले
गए दिल में
यादें बसा कर-
किसी ने मुझ से कहा
बहुत खुबसूरत लिखते हो
यार,मैंने कह खुबसूरत मैं
नहीं वो है जिसके लिए हम
लिखा करते है
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