न तो तुम्हें ब्याह सका, न हरण कर पाया,
न मैं राम सा हुआ, न रावण बन पाया।-
Manish Mahto
(Manish Mahto)
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इश्क़ होना भी लाज़मी है शायरी लिखने के लिए वरना..
कलम ही लिखती तो हर दफ्तर के बड़ा बाबू ग़ाल... read more
कलम ही लिखती तो हर दफ्तर के बड़ा बाबू ग़ाल... read more
Joined 28 October 2020
6 OCT 2022 AT 16:25
7 JUL 2022 AT 13:24
तेरा मिलना ही क्या खूब अहसास था कुछ पल ही सही तेरे हाथो में मेरा हाथ था🤝
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2 JUN 2022 AT 13:28
अगर 2 जून की रोटी की मज़बूरी ना होती,
तो 2 कौड़ियों की जी हुजूरी ना होती... 🤭-
2 JUN 2022 AT 13:21
रोकने से कब रुका है ये इश्क का कारवां है,
ना चाहते हुए भी वह शिद्दत से याद आता है..-
4 MAY 2022 AT 22:32
सारे इत्रों की खुशबू
आज मंद पड़ गयी ...
मिट्टी में बारिश की बूंदे,
जो चंद पड़ गयी-
1 MAY 2022 AT 9:55
जिंदगी मजदूर हुई जा रही है....
और,
लोग "मैनेजर साहब" कहकर ताने मार रहे हैं।-
2 APR 2022 AT 20:03
मिल जाएगा हमें भी कोई टूट कर चाहने वाला,
अब पूरा शहर तो बेवफा नहीं हो सकता।-
2 APR 2022 AT 7:36
मांझी हो तुम मेरे इश्क कि कश्ती के,
यही सोचकर तुमसे दिल लगा बैठे थे .-
28 FEB 2022 AT 16:12
बड़ी अजीब है इस दिल की ख्वाहिश मालिक,
यह उस शख्स को पाना चाहता है,
जो कभी इसका होना नहीं चाहता।— % &-