अपनी दुवाओं में हर वक़्त तेरा मै जिकर करता हूँ
अगर बागीचे में भी जाऊँ तो फुलों की फ़िक्र करता हूँ
कलियों सी तू नाजुक है, और तितली सी तू चंचल है
इसलिए लाख काम में मशरूफ होने के बावजूद
मै हर वक़्त सिर्फ तेरी ही फिक्र करता हूँ ।।-
गुलाब, गुलाल, इत्र, बहार लाए हो
हमसे मिलने के वास्ते तुम
आख़िर क्यों इतने उपहार लाए हो ?-
मेरी बेरंग सी जिदंगी गुलज़ार हो गई
तबियत अबीर और गुलाल हो गई
तुमसे मीलकर मेरा ऐसा हाल हो गया
दिलकश और दिलनशी मेरा अंदाज हो गया!!-
रंग, गुलाल, अबीर लाए हो
हमसे मिलने के वास्ते तुम अपनी तकदीर लाए हो
कहों हिज्र में तुम्हारे क्या है
प्यार, वफ़ा या सिर्फ ह़या है!!-
अगर रंगो मे लाल और फूल मे गुलाब हो तो
हमारी जिंदगी आप संग गुलजार कटेगी !!-
लाल मोहब्बत का और
हरा हरियाली का प्रतीक हो जाए
इस होली तुम हमे कुछ ऐसा गुलाल लगाओ
कि हम तुम्हारे मुरीद हो जाए!!-
दिलकशी का ये आलम
अब हमसे ना तुम पुछो ए गालीब
शक्ल लव मैरिज नही होने देती
और अक्ल अरेंज मैरिज नही होने देती!!-
राह फुलो की थी लेकिन मैं काटों से दिल लगा बैठा
जब देखा दुख तकलीफ जमाने की
तो मैं अपने गम को भी भुला बैठा
और नेता बनने की कभी मेरी खुद की ख्वाहिश नहीं थी
लेकिन जब देखा बेबस हाल हाल जरूरत मंदो का
तो मैं खुद को समाज सेवा करने से रोक नहीं पाया!!-
अगर बात करू चांद - सूरज की तो
वो कमब्ख्त भी तेरे दिदार के वास्ते ही तो
फलक से जमीं पर आया करते है!-
हिफाजत अपनी खुद के वास्ते ना सही
मगर अपनो के वास्ते किया करो।
मोहब्बत काम से हो या फिर अपनो से
सब सही समय पर किया करो ।।-