अब जागो जीवन के प्रभात
वसुधा पर ओस बने बिखरे
हिमकन आंसू जो छोभ भरे
उषा बटोरती अरूण गात
अब जागो जीवन के प्रभात
तमन्ना नयनों की ताराए सब
मूंद रही किरण दल में हैं अब
चल रहा सुखद यह मलय वात
अब जागो जीवन के प्रभात
जयशंकर प्रसाद- ..... अंजान...✍️
24 SEP 2019 AT 19:08