समंदर की नब्ज टटोलता हु मैं
पत्थर को पानी में घोलता हु मैं
तुम्हारा अंदाज है भाता मुझे
तुम्हारे ही लहजे में बोलता हु मैं
क्यू नजर आता है चेहरा तुम्हारा
खत जब तुम्हारे खोलता हु मैं
मुझे नहीं है चीखने की जरूरत
कलम से बहुत कुछ बोलता हु मैं
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ना जाने कितने साल आयेंगे,
और ना जाने कितने वर्ष गुजर जायेंगे...
और आप सभी बस,
अपने चेहरे पर खुशी बरकरार रखना...
दिन जैसे भी हों, यूं हीं गुजर जायेंगे....-
तू् शांत नदी सी
मैं तपती जमींन सा
मिलेंगे, कभी .....
किसी किनारे पर-
जहाँ झूलते थे झूले अक्सर, क्या अब भी वो बाग हैं उम्मीदों की बाती जला सकें, क्या तुझमे वो आग हैं जिंदगी की मुश्किलों का तू इत्मिनान से कर सामना पतंगे कभी जलते नहीं जिसमें, दुआ वो चिराग हैं...
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बने प्रथम सर्वसेना प्रमुख इतिहास ये दोहराएगा
कीर्ति पताका लहरे सदा जयघोष राष्ट्र यूं गाएगा;
कभी नेतृत्व तो कभी शौर्य, बने कभी शांतिदूत
राष्ट्र करे वंदन तुम्हें! हे भारत के वीर सपूत !!-
ये इश्क है जनाब ,
कब किसी को आसानी से होता है
गर हो जाए किसी शख्स से
तो उसकी हर निशानी से होता है-
कभी भी हमने कहा नहीं
किसी से तेरे फसाने को
न जाने कैसे ख़बर
हो गई जमाने को-
टीईटी का पेपर लीक नहीं
वायरल हुआ है ऐसे
भंडारे में प्रसाद बटा हो जैसे
🤣🤣-
अब ये न पूंछना के मैं
अल्फाज कहां से लाता हू..
कुछ चुराता हूं दर्द दूसरो
के कुछ अपनी सुनाता हू...-