Manish kumar   (..... अंजान...✍️)
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Writing
Joined 29 August 2019


Writing
Joined 29 August 2019
21 MAR 2022 AT 17:30

समंदर की नब्ज टटोलता हु मैं
पत्थर को पानी में घोलता हु मैं

तुम्हारा अंदाज है भाता मुझे
तुम्हारे ही लहजे में बोलता हु मैं

क्यू नजर आता है चेहरा तुम्हारा
खत जब तुम्हारे खोलता हु मैं

मुझे नहीं है चीखने की जरूरत
कलम से बहुत कुछ बोलता हु मैं

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1 JAN 2022 AT 8:40

ना जाने कितने साल आयेंगे,
और ना जाने कितने वर्ष गुजर जायेंगे...
और आप सभी बस,
अपने चेहरे पर खुशी बरकरार रखना...
दिन जैसे भी हों, यूं हीं गुजर जायेंगे....

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11 DEC 2021 AT 23:03

तू् शांत नदी सी
मैं तपती जमींन सा

मिलेंगे, कभी .....
किसी किनारे पर

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11 DEC 2021 AT 8:27

जहाँ झूलते थे झूले अक्सर, क्या अब भी वो बाग हैं उम्मीदों की बाती जला सकें, क्या तुझमे वो आग हैं जिंदगी की मुश्किलों का तू इत्मिनान से कर सामना पतंगे कभी जलते नहीं जिसमें, दुआ वो चिराग हैं...

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9 DEC 2021 AT 8:32

बने प्रथम सर्वसेना प्रमुख इतिहास ये दोहराएगा
कीर्ति पताका लहरे सदा जयघोष राष्ट्र यूं गाएगा;
कभी नेतृत्व तो कभी शौर्य, बने कभी शांतिदूत
राष्ट्र करे वंदन तुम्हें! हे भारत के वीर सपूत !!

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8 DEC 2021 AT 9:28

ये इश्क है जनाब ,
कब किसी को आसानी से होता है
गर हो जाए किसी शख्स से
तो उसकी हर निशानी से होता है

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30 NOV 2021 AT 20:23

कभी भी हमने कहा नहीं
किसी से तेरे फसाने को
न जाने कैसे ख़बर
हो गई जमाने को

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28 NOV 2021 AT 23:06

टीईटी का पेपर लीक नहीं
वायरल हुआ है ऐसे
भंडारे में प्रसाद बटा हो जैसे
🤣🤣

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26 NOV 2021 AT 23:15

मेरी नज़रों से एक ग़ुनाह हो गया

क़ातिल से ही इश्क़ बेपनाह हो गया।

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25 NOV 2021 AT 22:50

अब ये न पूंछना के मैं

अल्फाज कहां से लाता हू..

कुछ चुराता हूं दर्द दूसरो

के कुछ अपनी सुनाता हू...

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