एक बार जो लिख देता, मिटा नहीं पाता,
इश्क़ तो करता हूँ, पर जता नहीं पाता।
आप जो लिख के मिटा देते नाम मेरा
इश्क़ करती हो या नफ़रत, इस दिल को भी बता पाता।।
आप तो कर लेते हो वफा किसी से भी
एक मैं हूँ जो किसी और से नजरें मिला नहीं पाता
कहती हो तुम नही समझ सकते हमे मनिष
क्या पता आप हमे नही समझा पाती या हमे समझ नही आता
करता था, करता हु, करूँगा भी इश्क़ तुमसे ही
काश आखिरी बातो मे ये बात भी बता पाता
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fu*k your opinion..
इश्क़ था मेरा दर-दशक से, अनजना हो गया,
शहर बदलते हि रकीब जाना पहचाना हो गया..
दिखा के मुझे वो, चलती लेके किसी और का हाथ,
बेवफा वो हो गई या फिर उसका ये दिवाना हो गया ।-
मेरी वफ़ा जिस बेवफा से थी,
कम्बख्त मेरा किस्मत गद्दार निकला
उस बेवफा ने लगाया जिस से दिल,
किस्मत से वो मेरा जिगरी यार निकला ।।
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इश्क़ में किये जो तुमने बेवफाईया,
उसकी सज़ा देना मेरा जहन गवाहि नहीं देगा ।
इश्क़ से, इश्क़ को, इश्क़ में तड़पा के मारेंगे,
चाहे इसके खातिर इश्क़-ए-अदालत हमें रीहाइ नहीं देगा।।-
जिंदगी को मर मर के जीना नहीं चाहता
मै फिर से इश्क़ से इश्क़ करना नहीं चाहता।।-
इश्क़ करना हो तो चलो रिश्क लिया जाए
इश्क़ से थोड़ा उधार इश्क़ लिया जाए .-
सबने सुना है कि मोहब्बत अंधी होती है...
और उस अंधी मोहब्बत को देखा है मैंने।।
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कर के मेरे इश्क़ को बद्गुमा
तुम क्या सितम ढाह रही हो
अपनी पता बदला, रास्ते बदले
या फिर किसी रकीब की गली से आ रही हो।।-
थी इश्क़, है प्यार, रहेगी मोहब्बत बेशक़
लगा लेंगे फिर से दिल, तुम खो चुकी हो ये हक़।।-
इश्क़ बहुत ज़रूरी है ज़िन्दगी के लिए,
पर ये नहीं कि वो ज़िन्दगी भर रहे..-