ManIsh ChhindRe   (ChhindRe)
141 Followers · 31 Following

read more
Joined 12 December 2017


read more
Joined 12 December 2017
17 MAR 2020 AT 23:46

हिचकियों ने खूब आवाज लगाई हैं
क्या तुम्हें मेरी याद आयीं हैं जानां.....

-


3 NOV 2019 AT 0:25

यार- प्यार, जान- अनजान
सब दौर-ए-इश्क़ के चोंचले हैं !!
तुने ही यहां दिल लगाया था
ये लोग तो अंदर से खोखले हैं !!
अभी रुक गया ये क्या कर गया
इश्क़ के अलावा बहुत ठोकरे हैं !!
जिस दम तक पीनी हैं पीले
लोग शराब में कल कहा देखते हैं !!
दम निकले तो निकल जाए
मयख़ाने होश में कहा छोड़ते हैं !!
मरने की कसम खाई हैं तुने
देखता हूं ये लोग कहा हँसना छोड़ते हैं !!

-


26 OCT 2019 AT 22:03

तेरे चेहरे पर कसक हैं कौन-सा नया मर्ज हैं
अश्क गिरने को है ये कैसा हर्ष हैं
मुझे छोडकर जाने की तमन्ना थी तेरी
फिर कहा गुम आज का जश्न हैं
वजह बनना हैं मेरी नम निगाहों का
ये शख्स तो खुद की आग में भस्म हैं
सोचने की तमन्ना है हर रोज तुझे
मग़र मेरी जिंदगी में और भी तो ग़म हैं

-


21 MAY 2019 AT 22:08

ख़ामोश बेहद ख़ामोश नजर आने लगी हो तुम
सुना है फिर किसी से दिल लगाने लगी हो तुम
मैं तो हर गजल में पढने लगा था तुम्हें मगर
सुना हैं मोहब्बत के निशां भी छिपाने लगी हो तुम

-


4 MAY 2019 AT 15:03

तिश्नगी बढ़ने लगी है अब हर मुकाम आसान लगता है
वो कहता है ठहर जा मगर रुकना अब हराम लगता है!!

-


1 JAN 2019 AT 10:41

बस कुछ लंहो से अधूरी रह गयी वो मुलाकात हमारी तुम जनवरी के नये किस्से ओर हम दिसम्बर एक कहानी पुरानी !!!

-


22 SEP 2018 AT 22:29

हर्फ़ दर हर्फ़ लिखी थी जो दास्तान-ए-मोहब्बत
उस दास्तान-ए-मोहब्बत में हमारा ही किरदार नहीं !!

-


17 SEP 2018 AT 20:50

हर मरतबा एक तरफा संजोया हैं हमने ये इश्क
इसमें हिज्र का जिक्र किसी मरतबा न हो !!

-


4 SEP 2018 AT 23:50

कुछ धूँधला-सा लिपटा हैं इन आँखो पर कमबख्त कुछ और देखने नहीं देता
बहुत खुबसूरत हैं ये ख्वाब जो किसी के तसव्वुर में और खोने नहीं देता !!

-


15 AUG 2018 AT 12:40

मजहबी रंगो से ऊपर उठ जाते हैं सब
काश ये जश्न-ए-आजादी यूँ ही जारी रहती !!

-


Fetching ManIsh ChhindRe Quotes