Manika singh   (@Manika20)
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Simple but significant...
Joined 4 February 2020


Simple but significant...
Joined 4 February 2020
18 DEC 2024 AT 12:07

॥बेटियों की विदाई॥

बेटियाँ हो जाती है पराई
महावर लगे कदमों से जब लेती है विदाई
हाथों में रची मेहंदी से
अक्षत परछ अपने घर की दहलीज़ लांघ
बिना पलटे सह लेती जुदाई ।
घर आंगन भीगी भीगी आँखों में भर
जिम्मेदारी की चुनर ओढ़
बचपन समेट एक सूटकेस में
दी जाती है कार में बिठाई ।
अपना नाम लिखी किताबें और
कुछ पसंदीदा कपड़े
छोड़ अलमारी के कोने में
नई ड्रेसेस संग अनजाने रिश्ते सँजोने
बाबुल के घर से लेती है विदाई ।
बचपन के साथी छोड़
रिश्ते नाते सब से मुँह मोड़
नई दुनिया नया जीवन
नए साथी संग बनाती यादें
अपनी उम्र देती है बिताई
बेटियाँ सह जाती है विदाई
कभी मैगी चाय से रसोई
की मास्टर शेफ बनती थी
अब पकवान सजा के भी
ना इतराएगी
अपने तरीके से घर सजाती
फ़ैशनेबल क्रॉकरी रसोई में लाती
बड़ी सहजता से सब छोड़
ले लेती है विदाई |
यादें समेट लेती तकियों में
बसती थी जो
होली की गुझियों और
दिवाली की रंगोलियों में
ये तुलसी एक आँगन की
दूसरे आँगन के लिए होती है फ़लदाई
अक्षत परछ अपने घर की दहलीज़ लाँघ
बिना पलटे बेटियाँ ले लेती हैं विदाई ।

~मणिका सिंह~





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15 DEC 2024 AT 18:34

अब कुछ भी हो जाए पढ़ना होगा
वक़्त की माँग है लड़ना होगा
बस लगती असान हैं
ये विषम परिथितियाँ
इनसे आगे बढ़ना होगा
त्यागी का जीवन जीकर
अकेले पथ पे बढ़ना होगा
माया रचती चक्रव्यूह है
उसे भेद, निकलना होगा
समझौते ख़ुद से करके
ख़ुद से ही संघर्ष करना होगा
जटिल राह पर मजबूत इरादे
के सहारे ही चलना होगा
होगा ना कोई तेरा अपना
ना तुझको किसी का होना होगा
इस यात्रा में सवारी बनकर
तुझको मंजिल तक सफ़र तय करना होगा
नव निमृत बेला से बढ़कर
सफलता का पन्ना रचना होगा!!



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14 DEC 2024 AT 20:23

ना एहसास ना फ़िक्र मेरे ख़ामोश होने पे
ना दुःख ना जिक्र मेरे दूर होने पे
उसके समय का अभाव रहा हमेशा मेरे हिस्से
वो क्या ही अफ़सोस करेगा मेरे ना होने से ।।

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24 JUL 2023 AT 9:04

बिखर गयी वो दोस्ती
जिसके हवाले पे नाज़ करते थे

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20 MAY 2023 AT 13:02

•—तलाश—•

तमाम संघर्ष उस पहचान के लिए
जो स्वतंत्र है
उन्मुक्त ज़मीन
जो हर भेदभाव से अलग है
एक ऐसा आकाश
जो शब्दों से परे हो
जहाँ अदाओ के नहीं मर्यादाओं
के क़िस्से गढ़े हो
और ख़ुद के फ़ैसले जहाँ
ख़ुद से भी बड़े हो
वक़्त पाबंद कि बेड़ियो
से ना बंधे हो
क़िस्से अपने और अपनी ही
स्याही से तराशे पन्ने हो
ऊँचाई एक ऐसी सयानी सी
ख़ास हो जहाँ मेरे वज़ूद की कहानी भी
तलाश उस एक तलाश की
जो मंज़िल है मेरे मुक़ाम की!!

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21 APR 2023 AT 11:34

वक़्त के साथ जब समझ बढ़ी है
आया समझ फिर यही है
इंसान को देखने से ज़्यादा
परखना सही है
पर ये जो ज़िंदगी है, यही है
क्या गलत, क्या सही है
ऐसी ही थी, ऐसी ही रही है।

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21 APR 2023 AT 0:07

I am trying to become me
As ordinary as ordinary I can be

My smile, my tears, my dreams, my failure
Make me what I want to be

Unseen, unheard and unlimited
My limitations are still limited

As simple as I can be
Still, how tough is being me.

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9 APR 2023 AT 15:31

चराग़ो की लौ से
कब तलक़ राह सजेगी
सितारों की जौ से
जब अंगारों की सौग़ात मिलेगी
हर तरफ़ हर ओर
चाहें रात ही रात पसरेगी
मुस्कुराऊँगी हर हाल में मैं गर
तेरी मोहब्बत साथ रहेगी।

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5 NOV 2022 AT 14:06

Wish a dream
And the dream is true
Now that it is your dream
You must make it too

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2 NOV 2022 AT 0:48

I shared my secrets with you
And you told me yours
We were friends by choice who
were on two very different roads
Not knowing that
We were always together
Like the tangled souls
Meant to be forever
With the key to our locked doors
Neither early nor late
Destiny tied us together
Into the red string of fate.

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