वो बेवजह लड़ना मेरा, वो बेबाकी से बात करना मेरा
वो बिन मतलब अकड़ना मेरा, वो मॉडर्न कपड़े पहनना मेरा,
कि तू कहता था इन्हीं सब मेरी बातों ने दिल चुरा लिया तेरा
तू कहता था मेरे बिन ना रह पाएगा, जो मैं छोड़ गयी तो मर जाएगा,
तो सुनो जाना जब प्यार बेशुमार था, तो क्यों तुझे शादी से इंकार था!
कि कभी जो अदाएं लुभाती थी तुझे, उन्हीं अदाओं का हवाला दे किया तुने मुझे इंकार था,
अपने दोस्तों के पास 'तेरी मॉडर्न भाभी' है , कह खुद पर करते गुमान थे,
पर शादी के लिए तुझे नहीं लगता था कि सही मेरे संस्कार थे,
तुझे लगता था रिश्ते, जिम्मेदारियां नहीं संभाल पाती मैं,
कि शादी के लिए तुझे घरेलू लड़की की दरकार था!
कि ये कुंडलियों का मिलन, ये दुनियादारी, कल तक तो बेकार थी सारी
फिर क्या हुआ था तुझे अचानक, जो लगने लगी थी सबकुछ प्यारी
उस वक्त ना कुंडलियाँ मिलवाई तुमने , ना माँ-बाप की याद दिलवाई तुमने
जब मिलने मुझसे आते थे, मुझे देख इतराते थे, बस प्यार की रट लगाते थे!
कि यूँ बहाने ना बनाते, यूँ अचानक मेरी कमियाँ ना गिनवाते
नहीं आता था कुछ तो मैं सीख जाती, क्या करना था बोलते तो , शायद मैं कर जाती
जो भर चला था मन, तो नजरें मिला बोल तो देते, यूँ समाज की आड़ में मुझ पर वार ना करते ,
कि जीत लेती मैं सबका मन, अपनी मोहब्बत पर ऐतबार तो करते,
अरे मैं तेरी पसंद थी, अपनी पसंद पर थोड़ा सा नाज तो कर लेते!
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