Mani   (Mani)
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Manisha Purena
Chhattisgarh ( India)
Joined 29 January 2020


Manisha Purena
Chhattisgarh ( India)
Joined 29 January 2020
17 APR AT 1:27

जो दिन में घट गई है

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7 APR AT 18:32

मन जब अग्नि रूपी भविष्य में प्रवेश कर जाए तो वह
भविष्य की चिंता में दहकती रहती है और बदन जलते रहता है

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6 APR AT 12:52

ना जाने किसकी बद्दुआ लगी है मुझे
कि अब किसी की दुआ असर ही नहीं करती

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31 MAR AT 15:52

यार लोगों की बातें ना बातें ही रहने दो
उसे जीवन में हावी मत होने दो......

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24 MAR AT 7:34

लट रूपी निशा का बिखराव
भोर भये सांवली सुरत में
नारंगी रंग के लिबास के मध्य
लाल बिंदिया जब सजती है
तो धरा खूब जचती है

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23 MAR AT 8:15

भूतकाल की पछतावा और भविष्य की चिंता वर्तमान को अशांत कर देती है..

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16 MAR AT 10:18

जब कभी सोचूँ ज़िन्दगी को तो ज़िन्दगी बस मुस्कुरा देती है.. कभी- कभी लगता है मुझे दर्द देकर खुद भी दर्द में जीती है..

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14 MAR AT 10:58

पेड़ भी मुस्कुरा पड़ते हैं
देख अपनी फूलों की मुस्कुराहट

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13 MAR AT 22:38

दोपहर भी खूबसूरत होती है
जब वह पेड़ की छांव तले ठहर जाती है

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12 MAR AT 18:46

यह दुनियाँ ऐसे है जैसे पानी में मगरमच्छ
जहाँ दिखते तो सब अपने से पर पानी जैसे सफेद चादर के बीच से कब मगरमच्छ बन वार कर दे अंदाजा लगाना मुश्किल है

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