प्यार इतना है, बता नहीं सकते
जताने कहों तो जता नहीं सकते
रोज बात करने से बचते हैं जनाब
आदात लग गई तो तुमको भुला नहीं सकते
और सुनो! इंतज़ार तुम्हारा फिर भी रहता है
कि हमें पता है हम तुमको पा नहीं सकते-
ना कर शिकायतें रे मनवा ज़िन्दगी है,
तेरी शिकायतें सुनी ना जाएगी,
अनसुनी कर बस मुस्कुरा दी जाएगी-
अर्ध रात्रि में जब पढ़ती हूं कविताएं....
अर्ध रात्रि के शांत वातावरण में जब पढ़ती हूं कविताएं तो पढ़ती हूं
मैं
कवियों के
कुछ दर्द
कुछ बेचैनी
कुछ भावनाएं
कुछ व्याकुलताएं
कुछ अधूरी दास्तां
कुछ अधूरे ख्वाब
कुछ अधूरी एहसास
कुछ ख्वाहिशें
कुछ विचार
और कुछ प्रेम कविताएं भी
महसूस होता है इन कविताओं का अधूरापन , कुछ अधूरी कहानी और कुछ अधूरी ज़िन्दगियां....
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प्रेम.....
" बेशक प्रेम पवित्र है परन्तु प्रेम में आप अपने अंदर उपजे उनके शारीरिक स्पर्श की भावनाओं से अछूते नहीं रह सकते अर्थात लाज़मी है प्रेम में थोड़ा अश्लील हो जाना ".....
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नैन गहरे काले, रंग से गोरा
मैं सांवली सी लड़की फिदा हूं उस पे
ऊंचाई जैसे आसमान , लहराते बाल
मैं कुछ कम ऊंची लड़की घायल हूं उस पे
वह पुरुष कठिला,सख़्त मिज़ाज, थोड़ा खड़ूस
मैं खुशमिजाज लड़की कायल हूं उस पे
खूबसूरत होंठ , उम्र ज़रा सा कम
मैं उम्र में कुछ बड़ी सी लड़की पागल हूं उस पे
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बेशक औरत की आवाज सुंदर और सुरीली होती है पर यकिन किजिए जी हमे तो उस मर्द के सख़्त आवाज ने घायल कर रखा है
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ना जाने मेरी इतनी दिवानगी कैसे ठुकरा गया वह मर्द
जिसके नशे से मैं आज तक उबर ना पाई ...-