सुना है कि आज उन्होंने
मांगी है दुआ हमारी सलामती की रब से,
जिन्होंने मौत के दरवाजे पर लाकर छोड़ दिया था।-
अभी खामोश है तो
खामोश ही रहने दो कलम को हमारी,
अगर लिखना शुरू कर दिया तो
कइयों के जनाजे निकल जाएंगे।-
उनको शिकायत है कि
उसका रंग सांवला है
अब उनको कौन बताए कि
उनके इसी रंग पर तो ये दिल बावला है।-
वफादारी का रंग
वफादारी का कोई रंग नहीं होता
वफा दिखाने का कोई ढंग नही होता
निभाने वाले तो हर मोड़ पर निभाते है साथ
यू ही हर कोई हर किसी के लिए मलंग नही होता।— % &-
पूरा दिन गुजर गया उनके इंतजार में,
और एक वो है कि ना आने की जिद ठान बैठे हैं।— % &-
कि वो अपनी नजरों से कुछ यू कमाल करती है
बिन बोले ही हमारा हाल बेहाल करती है।
कभी पलके झपकाकर तो कभी नजरे उठाकर
भरी महफिल में खामोशी से बवाल करती है।— % &-
बस इतनी सी हसरत है दिल की,
कि उनसे जब भी मुलाकात हो
वो, मैं और चाय तीनो एकसाथ हो।— % &-
बहुत छिपा लिया अब दिखाने की बारी है,
लोगो को उनकी औकात बताने की बारी है!
जो समझते थे हमको मामूली' वो भी जान लेंगे,
ये हम है और ये हमारा जलवा जारी है।— % &-
दावा रूह का तमन्ना जिस्म की,
अगर यही इश्क है! तो हवस क्या है?— % &-
जरूरी नही हमेशा वाह वाही किसी की लिखावट पर ही हो
कभी-कभी किसी की कोशिश पर भी होनी चाहिए।— % &-