U know u r not perfect..
I am neither..
Basically WE are not perfect.....
And Yet here we are
imperfectly Holding each other
Caring for each other
Having our back
Wiping out the tears of other with one hand
And holding our own heart with another...
Carrying wounds.....Of wars
Fought centuries ago
Not realising that the war is over
Long ago...
Carrying Wounds of mothers in our wombs
Raped in those wars
Repeatedly ...
Unique childhood traumas felt
Just to feel loved by our parents
Coping with the surrounding
Scuffling
And both are just...Desperate...Irritated yet strongly bonded..
Like
Two souls craving
For just one thing...
To be accepted for who they are,
To be acknowledged by each other,
With all those wounds n traumas
Which they could never do on their own..
Still gazing out to each other..
With hope and eagerness,
For holding the compassion ,
To look at them
Hold them
Care for them
Accept them
For who they are
Love them the way they always wanted...-
Recently received this gift of writing,
mostly unpredictable
I'm jus... read more
ऐ ज़िंदगी ये क्या चाहतें हैं तेरी!
जितना भी मिलता जाता है
कम लगता है।
-
When you love someone
you do not just say three words
You sacrifice the "I"
You learn how to "love"
You hold so much space for "you"
That You just set them free....
To do whatever they want to do
To be whosoever they want to be
To choose whatever they want to choose
To sing their own rhythm
To dance on their own music
You just Give them the sense of security
That whatever they choose you are not gonna stop loving them
And this set them free from everything...
EVEN SOMETIMES FROM YOU-
यूं पलट पलट के न देखो
कदमों के निशान के अलावा कुछ नहीं है,
ये निशान भी एक दिन मिट ही जायेंगे,
फिर समझ आएगा कि
यादों के अलावा तो कुछ भी नहीं है।-
ऐ ज़िंदगी तू इतनी खूबसूरत है,
तुझे निहारू या जी लूं या महसूस करूॅं
या बस तुझमें खोई रहूॅं
हर मोड़ पर एक नया करिश्मा दिखाकर
तू बस यकीन दिला देती है
कि मैं तुझे नहीं तू मुझे चला रही है।-
अच्छा!! तो चिड़िया पसंद हैं तुम्हें
पर उड़ती हुई नहीं,
उड़ती चिड़ियों को कैद करना पसंद है तुम्हें
पर बिना पर वाले पक्षी नहीं,
उनके पर कतर के कैद कर देना पसंद है तुम्हें
प्यार से दाने दे कर अपना बना लेना नहीं,
क्यूॅं?????
क्यूंकि सीखा ही नहीं तुमने कभी प्यार से अपनाना,
क्यूंकि सिखाया ही नहीं कभी किसी ने पूरी तरह अपना बनाना,
क्यूंकि बनाया ही नहीं कभी तुमने खुद को अपना,
इसलिए पसंद है तुम्हें उड़ती चिड़िया के पर कतरना,
अपनापन सा लगता है तुम्हें....
क्यूंकि यही हुआ है तुम्हारे साथ जीवन भर,
फिर भी, कुछ और चुन सकते हो तुम
जैसे उड़ती चिड़िया को देखकर ही खुश हो लेना,
जैसे उसे कैद देख कर खुद को आज़ाद कर देना,
जैसे उसके पर कतरते देख ख़ुद के साथ हुई नाइंसाफी याद कर उससे बाहर निकलना,
और बहुत कुछ चुन सकते हो तुम।-
यूं ही बीत जाए ज़िंदगी तो क्या कहना
यूं ही कट जाए ये सफ़र तो क्या कहना
जैसे इन फूलों को देखने का अंदाज़ बदल गया
वैसे ही ज़िंदगी की कश्मकश से सीखने का अंदाज़ बदल जाए
तो क्या कहना....
जैसे अल्फाजों के बीच लिए सांसों को पढ़ने लगे
वैसे बातों के पीछे के एहसास दिखने लग जाए
तो क्या कहना.....
यूं ही कट जाए ये सफ़र तो क्या कहना।-
किसी ने मुझसे पूछा
वो कौन है तुम्हारे लिए???
मैंने कहा कुछ ख़ास नहीं,
बस सफ़र में उसके साथ होने से कंकड़ भरे रास्ते भी हॅंस कर पार कर लेती हूॅं।
और तो कुछ भी ख़ास नहीं,
बस उसके साथ दाल चावल खाने में भी छप्पन भोग का स्वाद आ जाता है।
बहुत कुछ ऐसी ख़ास बात नहीं है उसमें,
बस जब मैं रोती हूं तो माॅं से भी ज़्यादा वो याद आती है।
ऐसी भी कुछ ख़ास तो नहीं है वो,
बस उसके सामने दिल खोल के रख देना सबसे आसान होता है।
फिर भी कुछ ख़ास नहीं है उसमें,
बस उसका मेरे सर चढ़े रहने में ही मेरा सुकून बसता है,
और इस बात की भी चिंता नहीं कि कल हम एक दूसरे की ज़िंदगी में होंगे भी या नहीं ,
बस आज वो मेरे साथ है ये मुझे मेरा परम सौभाग्य लगता है ।
और तो उसमें ऐसी कोई बात नहीं है,
बस अपनी बेवकूफियों पर उसके साथ ठहाका लगाना आ गया है मुझे।
कुछ और तो उसमें ऐसा बताने जैसा नहीं है,
बस उसके जैसा आईना मुझे कोई नहीं दिखा सकता
मुझे यूं मेरी ही गलतियों पर कोई नहीं हॅंसा सकता।
और तो कुछ भी नहीं,
बस उसके मुझे प्यार से आई लव यू दीदी कह देने से मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं ।
और कुछ ख़ास तो मुझे उसमें आज तक नहीं दिखा,
बस कोई अगर मुझसे पूछ दे कि प्यार कैसा होता है
तो मुझे बस उसका प्यारा सा चेहरा याद आ जाता है।-
तो फिर कुछ यूं हुआ मेरे साथ,
कि ज़िंदगी की उतार चढ़ाव में मज़ा आने लग गया ।-