mandeep Singh   (Mandeep Singh)
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Joined 28 March 2024


Joined 28 March 2024
17 APR AT 15:39

एहसास हुआ जब तक उन्हें मेरी मोहब्बत का

राख बन कर उड़ चुका था मैं श्मशान से

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14 APR AT 13:05

रौशनी देते रहे हम सबको
जलते दिये की तरह

मगर मेरा अंधेरा कोई
देख ही ना पाया

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11 APR AT 16:40

शिकायतें बहोत थी ,शिकायतें…बहोत थी
जिस रास्ते ज़िन्दगी ,चल पड़ी थी
और फिर इक दिन ,किसी मोड़ पर
आपसे मुलाक़ात हो गयी
और हम, इश्क़ के ग़ुलाम हो गये

अब ये रास्ते भी खास
और ज़िंदगी भी ख़ास हो गयी

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11 APR AT 12:29

दिल ने की है गुज़ारिश आज
मेरे हौंसलो से
कि हार मान तुम ही टूट जाओ

तो शायद मौत को मोहब्बत
हो जाये मेरे हालातों से

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10 APR AT 14:27

अजीब दास्ताँ है मेरी मोहोबत की
कभी लगता है , उनके दिल में
किसी कोने में तो मैं रहता हूँ
तो कभी कभी ये महसूस करता हूँ
मानो वो मुझे पहचानते ही नहीं
कभी मुस्कान रुकती ही नहीं
तो कभी कभी आँसुओ में बहता हूँ
वो तो रहते है हर पल
मेरे दिल-ओ- जहन में
और ख़ुद जाने कहाँ में रहता हूँ
मगर जो भी है ,अच्छा या बुरा
पल पल, हर पल मैं
उनके नाम के सरूर में रहता हूँ

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9 APR AT 18:39

ये दिमाग़ पूछता है जब जब ,दिल से
इतने दर्द में भी तुम,हर पल कैसे मुस्करा लेते हो


तो ये दिल तेरा नाम गुनगुनाने लग जाता है

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9 APR AT 13:30

इक अजीब सी सोच में खोया हूँ आज
भीतर से पता नहीं क्यों रोया हूँ आज
नहीं पता क्या सोच है , क्या ख़्याल है वो
जिस खामोशी में खोया हूँ आज
किसी बात का ना दर्द है मुझको
ना ही शिकायत है किसी से
फिर जाने क्यों खोया खोया हूँ आज

इक अजीब सी सोच में खोया हूँ आज
भीतर से पता नहीं क्यों रोया हूँ आज

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5 APR AT 22:01

...Ik nazar tere deedaar ko hum…
Qayaamat tak intazaar karenge
Hai saans kitne hum nai jante
Magar akhri saans tak
…tujhe Pyaar karenge…

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4 APR AT 21:41

तेरी ख़ुशी क्या मायने रखती है
है मेरे लिए
यूं तो मुमकिन नहीं
लहफ़्ज़ों में व्यां कर पाना
बस इतना समझ ले मेरे यारा
तेरे उदास होते ही
मेरी धड़कन रुकने लगती है
तू मुस्कुराए तो ये
गुनगुनाने लगती है

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3 APR AT 23:06

vo jo yunhi kisi mod par milker
sakoon sa ban jaate hai
vo yunhi nahi mil jaate hai
ye yaqeenan us rab ki marji hoti hai
unhe milaane ki jo aksar
is duniya ki bheed mein
ekele reh jaate hai

Vo jo yunhi kis mod par milker
Sakoon sa ban jaate hai

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