Manbhawan Anand Singh  
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Joined 3 June 2019


Joined 3 June 2019
31 JAN 2022 AT 20:08

#संजीदगी
बहुत संजीदगी भी इश्क़ की कश्ती में खतरा है
जमाने की बहुत परवाह भी रिश्ते डुबाती है।
.........मनभावन।— % &

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29 JAN 2022 AT 19:47

#राहतें
तुम करो परवाह सबकी हम निभाएं चाहतें!
इश्क में कम भी कभी होती हैं क्या ये दिक्क़तें?
वक़्त मनभावन मिलेगा,मुन्तज़िर उस वक़्त को
खर्च हो जाएंगे ये लम्हें न,होंगी राहतें।
......मनभावन।— % &

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29 JAN 2022 AT 15:13

#दूरियां
जुदाई से कभी देखा नही क्या सर्द रिश्तों को
महज़ एहसास ओढ़े तुम मरासिम गर्म करते हो!
मनभावन— % &

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27 JAN 2022 AT 21:25

#शर्त
मैं आफ़ताब नहीं खुद को जला लूं तन्हां
सर्द एहसासों की 'गर्मी' की एक शर्त हो तुम।
........मनभावन।

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19 JAN 2022 AT 23:29

#ख़ुलूस
आप इस दिल के लिए इस तरह ख़ुसूस हुए
बिना देखे-सुने,बिन छुअन के महसूस हुए
इश्क़,पोशीदा-बाशऊर रहा मनभावन
जो ताल्लुक थे,तरकेताल्लुक़ भी ख़ुलूस हुए।
.…..मनभावन।

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14 JAN 2022 AT 22:57

#संक्रांति
हो प्रकृति सा अनुकूलन,मौसम की तरह परिवर्तन हो
देश-धर्म की संक्रांति सब मानवता को अर्पण हो
सबसे मेल हो तिल-गुड़ जैसा,भाषा मे मीठापन हो
हवा में लहराती पतंग सा निश्छल सब अल्हड़पन हो
आनंद,अनुकूलन,आरोग्य की संक्रांति ये मनभावन
स्वास्थ्य,धैर्य,समृद्धि सदा दे,सुखमय सबका जीवन हो।
.......मनभावन।

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12 JAN 2022 AT 7:10

#उद्घोष
सनातन धर्म,संस्कृति पर सतत आनंद का दिन है
ये अपने ज्ञान के गौरव के शुभ मकरंद का दिन है
मधुर भाषा,सुवासित शब्द,सुरभित छंद मनभावन
सभी के कोष के उद्घोष विवेकानंद का दिन है।
.......मनभावन।

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10 JAN 2022 AT 12:50

#तारा
आवश्यताओं के प्रवाह ने,परवाहों को पीछे छोड़ा
संवेदना के स्पंदन ने चाहत से अब मुँह है मोड़ा
धुँधले हुए स्वप्न मनभावन,स्तंभित हैं व्यग्र निगाहें
दिल के आँगन में आभासित तारे को 'रातों' ने तोड़ा।
.......मनभावन।

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9 JAN 2022 AT 12:26

माँ भारती के 'भाल-भास्कर' की दिव्यता को दीपित करने में अपने 'सितारों' को न्योछावर करने वाले दसमेश गुरु गोविंद सिंह जी की जयंती पर व्योम भर कृतज्ञ प्रणाम।
....मनभावन।

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9 JAN 2022 AT 10:02

#बोसा
वो किताबों में पंख मोर के,वो विद्या कसम
खो गया जाने कहाँ ऐसा भरोसा अपना
जिसके मनभावन लबों की है नमी होठो पर
चूमता होगा किसी माथे को बोसा अपना।
.......मनभावन।

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