सवाल बहुत है पर जवाब कहीं भी नही...
और जो जवाब हैं उसका कोई मतलब नही..
हर चीज़ का मतलब हो यह
जरूरी तो नही....
कुछ चीज़े बेमतलब हो तो ही
ज़िंदगी का मजा हैं
वरना देखने जाओ तो हार जगह
मतलब ही मतलब हैं।।-
कभी कभी सोचता हूं जो बनाया इस इंसान को हमने क्या कोई सच में देख पता हैं?
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Mohabbat agar sukoon hai
toh ek jung bhi hai, jo na
chah kar bhi ladni padti hai.
Kabhi khud se, kabhi dusro
se, kabhi waqt se to kabhi
zamane se..
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पता है, सबसे बड़ी गलती हम क्या करते है?
लोगों में खुशियाँ ढूंढ कर उनसे उमीदे लगाना की वो भी हमे खुश रखे जसे हम उन्हें रखते हैं,हमारा साथ दे जसे हम उनका देते हैं, हमारे लिए efforts करें जसे हम उनके लिए करते हैं, भलेही वो शक़्स हमारे प्यार ही क्यों ना हो.. लेकिन उमीद लगाना और उनमे खुशियाँ
ढूंढ कर पूरी तरह से उनपर निर्भर हो जाना की यही मेरी खुशियों का ज़रिया हैं -- यह जो हम ख़ुदको यकीन दिलाते है ना, यह गलत करते हैं -- लोगो के किस्मत बदलते है वक़्त बदलते हैं हालत बदलते हैं और ऐसा मोड़ आजाता हैं की कभी कभी वह हमें खुशियाँ ना देकर वह सब कुछ दे जाते हैं।
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बड़ी बेहिसाब होती है यह मोहब्बत
पर इतना हिसाब अपनी वजूद का भी रहेने दे - की जब कभी देखू आईने मे ख़ुदको ...मैं .. मैं ही रहु
और तु तुही रहे।
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इख़्तेफाक का दूसरा नाम हैं किस्मत
किस्मत से कोई नही बच सकता
जिंदगी से लेकर मौत तक
एक किस्मत ही तो हैं जो साथ देती हैं.....-
कभी परिस्थिति हमारे अनुसार चलते है तो कभी इस परिस्थिति के अनुसार हमे चलना ही परता हैं कोई बिकल्प नही होता हैं ....
बस परिस्थिति को कैसे संभाले यह हमारे हाथ मे होता हैं।-
कुछ दर्द ऐसे भी होते है।
जो सिर्फ खुद के होते है।
ना किसी से बाँट सकते है और
ना ही किसी को समझा सकते है।
सिर्फ खुद महसूस कर सकते है।-
मन उदास है दिल बेचैन है।
थोड़ा सुकून मिलता तुमसे बात करके।
पर तुम तो आपने धून मे खोये हो।
कहा मेरी परवा है।
बताऊँ भी क्या तुमसे।
कहा तुम सुने वाले हो।
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