कितने दिन हुए
अपने जज़्बात छुपाए हुए
कितने दिन हुए
तुमसे आस लगाए हुए
कुछ तो था हम में पहले जो अब नही है ,
पर बहुत समय हुआ है आंख में तुम्हारे नाम का आंसू आए हुए ।।।।।-
✍️
The World Is More Selfish Than You Could Be Assuming It To Be
कब तलक तेरे इश्क को रोऊं मैं ,
आखिर मेरे घर के भी सौ मसलें हैं।।।
~गुलज़ार ✍️-
उसने मेरी बात सुनी नहीं और अपनी सुनाते गए।
खुद तो वो कुछ बोले नही पर हम चिल्लाते गए।
जाने वाले चले ही जाते हैं अक्सर बहाने से,
चुपके से हमें छोड़ कर साथ रहने के सपने दिखाते गए।।-
छोटी सी बात थी
तुमने इतनी दिल पर लगाली,
के साथ चलना तो बहुत दूर रहा
तुमने तो बात ही करनी बंद कर डाली।
तुम्हें हर तरह से समझाने की बहुत कोशिश की है मैने
तुमने मेरी हर कोशिश नाकाम कर डाली।।
दिमाग जनता है अब तुम वापिस तो नही आओगे पर दिल ने ये बात को समझनी ही बंद कर डाली।।।
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हम में तुम में दूरी क्यों है
फासले ना होते हुए भी इतनी मजबूरी क्यों है,
कभी सोचा ना था तुम्हारी बाजुओं का आराम घुटन लगने लगेगा
बातें तो बहुत हैं आज भी तुमसे करने के लिए फिर हमारे बीच ये खामोशी क्यों हैं।।।
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सिर्फ़ मैं हूं जो
जो खुद में सिमटी बैठी हूं,
क्या मेरी ही तरह गुमनामी का एहसास है तुम्हे !!!!-
मेरी तन्हा रातों का अफसाना तुम हो
तुम्हारे जैसा मिले कोई इस दिल को सुकून पहुंचने वाले बस इस दिल की यह हिदायत है ।।।-
और जब उस लड़की का साथ भी उनसे हमेशा के लिए छूट जाए ।
तो उनके अंदर का इंसान बच्चे की तरह बहुत रोता है ।।।।-
हमारा और शाम का रिश्ता कुछ यूं पुराना है इसमें सिर्फ शाम और हम नही किसी तीसरे की भी अहम जगह हमेशा से ही उतनी गहरी रही है और वो जगह है ,
शाम ,चाय और हमारी
गरमा–गर्म चाय की चुस्की के बिना हर शाम अधूरी है।।-