Manasi Aute  
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Joined 13 August 2019


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10 JAN 2021 AT 13:20

हम वो शख्स थे
जो वक़्त के मोहताज़ थे
पिंजरे ए दुनिया मै बंद
जिंदगी ए सफर पर निकले थे
अफसोस है आपको दिल देके
आप तो मुसाफिर थे सफर के
हम ख्वाब हमराही बनने का देख बैठे...

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26 DEC 2020 AT 13:50

फिर एक बार
फिर एक बार दगा दिया उसे
फिर एक बार दिल तोडा हमने
फिर एक बार इश्क़ को रुसवा किया
फिर एक बार जिंदा लाश बन गए

प्यार करना गुनाह हो गया
फिर एक बार धोख़ा देना जरूरी हो गया
जान जान कहके हमने
उसका जीना दुश्वार कर दिया

सजाये ए मौत भी मंजूर मेरे खुदा
फिर एक बार हमने गुनाहे ए अजीम कर दिया
बस ख्याल रखना खुदा तु उसका
फिर एक बार हमने महोब्बत का कत्ल कर दिया




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11 OCT 2020 AT 23:37

कासा लिए खड़ी हुई
मेरी ही इज्जत को
क्या असीम गुनाह किया
यही पूछूँ मेरे रब को

शर्मिंदा हुई इंसानियत
देखो आज फिर यहा
तो भी मेरी इज्जत से बड़ी
लगती इनको कुर्सी और टीआरपीया

धर्म जात और रंग से
बहोत लड़ लिया ए इंसान
अब मुफ़्लिसि मेरी जिंदगी को
इंसाफ भी देदे तु जरा

ना चाहिए रुपये पैसे
ना ही मेरी जिंदगी
बस फिर से रेप ना हो
यही अरदास आखरी मेरी



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1 OCT 2020 AT 8:56

जानते है के तेरे काबिल नही
मगर ये भी जानते है की
हमारे बिना कोई और भाता नही

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27 SEP 2020 AT 21:07

मुख्तलीफ हो जा अपने आप से
दर्द ए दिल को संभाल ले सिने मै
इस दुनिया को खुशियाँ पसंद है जनाब
दर्द तो इन्हे सिर्फ कुरदने मै मजा आता है
💔💔💔💔

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1 SEP 2020 AT 17:31

खुदकी खोज

ढुड़ना है आज मुझे यहाँ
मेरी हस्ती खो गयी कहा
मैं कौन थी और क्या बन गयी
संसार के खेल मै खुद खो गयी

मासुम चेहरा बाते बचकानी सी
वो छोटीसी नासमझ दुनियादारी की
कैसा रंग देखो दुनिया ने उडाया
बन गयी वो नादान शैतान सी

अब रहम बचा ना बची हमदर्दी है
बेदर्द दुनिया मै खुद को छोड़ आयी कहा
अब खोजु कहा खुद को मैं रास्ता ढूँडु कहा
खो गयी हु मैं यहा ढुड़ लाओ मेरी आत्मा







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28 AUG 2020 AT 22:47

सुर्ख आँखो मै ख़्वाब बुनें
जाफ्राँ दिल मै सजी तस्वीर
बन गई मीरा मै तेरे प्यार की
तु मिले या ना मिले मैं तेरी हो गई
❤❤❤❤




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26 AUG 2020 AT 12:00

हा हु अकेली आज मैं
आँधी भवर और तुफ़ानों मै
बैठीं हु राहों मै अकेली
किसी के छत के नीचे ना

मुफ्लिसि मेरी जिंदगी
छोड़ी मैंने पीछे है
दुनिया को अब दिखाना हैं
ताज ये क्वीन का पेहेनके

लक्ष्य मेरा साफ है
शिखर अब करीब हैं
रुकुंगि मैं ना अब यहा
अभी तो आसमाँ भी छुना बाकी हैं

हा हु अकेली आज मैं
आँधी भवर और तुफ़ानों मै

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25 AUG 2020 AT 9:07

दिल से शुक्रिया 🙏🙏

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23 AUG 2020 AT 21:38

ज्ञान ए शब्द की धारा हो
संस्कृति बड़ाने की मशाल हो
हम तो वंदनीय है आपके
आप ज्ञान के भंडार हो
हम तो छोटे है आपके सामने
आप ज्ञान ए मुरत हो
राधे राधे 🙏🙏

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