এই জল-রঙ্গা জীবন সাধনে
চঞ্চল মানস উড়ে যেতে চায়,
জানিনা হৃদয় প্রেমের বন্ধনে
আঁখির স্বপনে কতো দূরে যায়।
সকালের থেকে সাঁঝের বেলায়
কর্মের তাড়ণে ঘর্ম আঁকে প্রাণ,
সময়ের তালে বিধির খেলায়
বাঁধা পড়ে আছে মুক্তি গাঁথা ত্রাণ।
পিছু ফিরে চাই ( হঠাৎ কেজানে )
আহত স্মৃতির জামায়ত ব্যথা,
ছেঁড়া কাঁথা মতো অতীত গোপনে
কুড়াল যেথায় সিক্ত রূপকথা।
জীবনের মোহ অলস মানসে
লিখে যাই শুধু প্রেম ভালবাসা,
হৃদয় বিদীর্ণ বিরাহ সহসে
স্মৃতি মাখা ব্যথা আছে ভাসা ভাসা।
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प्यार बोला, हम को मन लीजिए**
दिल ने मनाने का किया कोशिश,
रूठना मनाना, दर्द को रखिए
प्यार का तमन्ना बनके आरिश।-
ভারত আমার সোনার যে দেশ স্নেহ মমতায় ভরা,
হৃদয় যেথা হৃদয় বোঝে আর বহে পূণ্য নদী ধারা।
তুষার বর্ণিত মাতৃ ভূমির মুকুট দেখো হিমালয়,
চরণে যাহার সাগর ধুয়ায় সীমান্তের হয় জয়।
পল্লী শোভা লোভা শহরের শিল্প দেশের অহংকার,
মানসে তাহার কবিতা লিখিনু সম্পদের অলংকার।-
तुम क्या छुपा है दिल को ही पता
सच्चा प्यार हो तो गीत का प्रकाश,
जीवन संजोग तुम से जो जीता**
तुम तो रोशनी, मैं था जिंदा लाश।-
एहतिजाज जो जीवन में मिले
सुबह से शाम भराए अशांति,
फिर भी आत्मन चिंतन जो खिले
दूर होगा तब दुख दर्द भ्रांति।-
दिल का सजावट प्यार के लिए,
प्यार ही त्यौहार फागुन हो छुए।
रिमझिम बारिश रवि तो छिपे**
मानस लिखाएं काब्य स्वर्ण रुपे।-
आंखों का तमन्ना सपना जो देखे,
दिल का तमन्ना अपना जो लेखें।
शून्य जो मिलाएं प्रेम तब खिले,
समर्पण रहे मानस में मिले।-
निगाहों पे देखकर खोया हूँ
प्यार की मखमल में**
आंखों में जो सपने बोआ हूँ-
सुंदरता केबल रूप में नहीं
गुण में बिखरे सुंदरता खूबी,
प्यार ही सुंदर दिल में ही सही
सरलता सजे मानस में डूबी।-